BALASAHEB-PURANDERE

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    पुणे (महाराष्ट्र). जाने माने इतिहासकार और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे (Balasaheb Moreshwar Purandare) का सोमवार को पुणे (Pune) के एक अस्पताल में निधन (Death) हो गया। वह 99 वर्ष के थे। बाबासाहेब पुरंदरे के नाम से लोकप्रिय इतिहासकार कुछ समय से बीमार थे। एक चिकित्सक ने उनके निधन की जानकारी दी।

    चिकित्सक ने बताया कि पुरंदरे एक सप्ताह पहले निमोनिया से पीड़ित पाए गए थे और उन्हें शहर के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया। वह अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में वेंटिलेटर पर थे। उन्होंने बताया कि पुरंदरे की तबियत रविवार को और खराब हो गई थी और उनकी स्थिति तभी से गंभीर थी।

    PM नरेंद्र मोदी ने जताया शोक 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर दुख जताया। PM मोदी ने आज अपने ट्वीट में लिखा, “शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे का निधन इतिहास और संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा शून्य छोड़ता है। उन्हीं की बदौलत आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से और जुड़ेंगी।”

    राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार 

    इस दुखद समाचार के आबाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की घोषणा की। इस बाबत विधिवत घोषणा आज मुख्यमंत्री कार्यालय से की गयी है।

    बाबासाहेब की तबियत थी गंभीर 

    गौरतलब है कि शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे की पिछले कुछ दिनों से तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। उन्हें इलाज के लिए कोथरुड के दीनानाथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं  तीन दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। बाबासाहेब सौ साल के हो गए थे। डॉक्टरों ने कहा कि वह बुढ़ापे के कारण इलाज के लिए प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। डॉक्टरों की एक विशेष टीम पिछले तीन दिनों से उनका इलाज कर रही थी।

    सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाना किया था बंद

    कुछ महीने पहले बाबासाहेब पुरंदरे 100 साल के हो गए थे। उन्होंने उस समय आयोजित दो-तीन कार्यक्रमों में शिरकत की थी। तब मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी घर पहुंचे और पुरंदरे को शुभकामनाएं दीं थीं। वह बाद में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। वह दिवाली के अवसर पर शास्त्र पूजन कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। यह पहली बार था जब वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे।

    पुरंदरे की अधिकतर कृतियां मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित हैं। उन्हें 2019 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को हुआ था।