Sunil Tatkare and Supriya Sule

Loading

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) और अजित पवार (Ajit Pawar) गुटों के बीच घमासान जारी है। इसे लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) में शुक्रवार को सुनवाई हुई, जहां दोनों गुटों ने अपना-अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद अजित गुट के सुनील तटकरे (Sunil Tatkare) ने सुप्रिया सुले (Supriya Sule) पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति जिसका राजनीतिक जीवन ‘दादा, दादा’ कहते हुए बीता, उनके खिलाफ याचिका दायर करते समय ऐसा लगा कि राजनीतिक विचार अलग हैं।

तटकरे ने कहा, “मैंने कल सुप्रिया सुले का बयान देखा। लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। वास्तव में, मैं आज हर चीज का खुलासा नहीं करूंगा। लेकिन चाबुक चलाने से पहले पर्दे के पीछे बहुत सी चीजें हुईं। मैं भी उन्हें जानता हूं। शायद हममें से किसी ने जयंत पाटिल से संपर्क नहीं किया। अगर जयंत पाटिल विश्लेषण करें तो ठीक होगा, नहीं तो मैं भी बोलूंगा।” उन्होंने कहा, “अजित पवार 30 साल तक बारामती में रहे। उन्होंने बारामती का निर्माण किया। कोई व्यक्ति जिसका राजनीतिक जीवन ‘दादा, दादा, दादा’ कहते हुए बीता, उनके खिलाफ याचिका दायर करते समय ऐसा लगा कि राजनीतिक विचार अलग हैं। मैं श्रीनिवास पाटिल का सम्मान करता हूं, लेकिन सियासी लड़ाई में उम्र कोई मुद्दा नहीं है।”

सुप्रिया सुले ने क्या कहा था

बता दें कि अजित पवार गुट के नेताओं ने शरद पवार गुट के चारा सांसदों (श्रीनिवास पाटिल, मोहम्मद फैजल, फौजिया खान और वंदना चव्हाण) को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी। इस पर शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले ने कहा था, “मुझे समझ नहीं आता कि अजित गुट के नेताओं ने हमारे सांसद श्रीनिवास पाटिल, मोहम्मद फैजल, फौजिया खान और वंदना चव्हाण को अयोग्य घोषित करने की मांग क्यों की। हमारे यह सांसद तो बेहतर काम कर रहे हैं।”

सुले ने कहा, “पाटिल 83 साल के हैं। सतारा से सांसद हैं। वे अपने काम में बेहद कुशल हैं। सतारा ही नहीं पूरा प्रदेश जानता है कि वह कितना अच्छा काम करते हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग, तो कुछ नया ही है, जो मैं देख रही हूं। मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर उन्होंने ऐसा किया क्या, जो उनपर कार्रवाई की मांग हो रही है। मुझे भी नहीं पता कि उन्हें पीड़ित क्यों बनाया गया। फैजल लक्षदीप के सांसद हैं। युवाओं का प्रतिनिधि हैं। वे कुछ नया करना चाहते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग समझ नहीं आ रहा।”

अगली सुनवाई बुधवार को

वहीं, अजित पवार गुट के वकील और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, “वे यह बिना देखे कह रहे हैं कि 40 से ज्यादा विधायक उनके साथ नहीं हैं, उनके पास बहुमत नहीं है। वे पुराने बयान दे रहे हैं कि पवार जी (शरद पवार) वह 20 वर्षों से वहां (पार्टी अध्यक्ष के रूप में) हैं और वह स्थायी रूप से वहीं रहेंगे। उनकी एकमात्र रुचि मामले को विलंबित करने में है क्योंकि वे जानते हैं कि वे जीतने वाले नहीं हैं।” इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार (29 नवंबर) को है।

राहुल नार्वेकर के समक्ष जवाब दाखिल

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार और अजित पवार नीत गुटों ने शुक्रवार को एक दूसरे के खिलाफ अपनी अयोग्यता याचिकाओं के सिलसिले में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष अपने जवाब दाखिल किए। अजित पवार गत दो जुलाई को आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे और पार्टी टूट गई थी। तब से दोनों धड़े पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा कर रहे हैं और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि दूसरे पक्ष से संबद्ध विधायकों की सदस्यता समाप्त की जाए।

सूत्रों ने बताया कि अजित पवार के खेमे ने 40 उत्तर दिए हैं, वहीं पार्टी संस्थापक शरद पवार की अगुवाई वाले खेमे ने नौ जवाब दाखिल किए हैं। विधान भवन के सूत्रों ने कहा, “राकांपा विधायकों द्वारा दाखिल अयोग्यता याचिकाओं से संबंधित सुनवाई अगले सप्ताह हो सकती है। संबंधित अधिकारियों को दस्तावेजों और दोनों पक्षों के जवाबों का अध्ययन करना होगा।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में राकांपा को एक पार्टी के रूप में मान्यता है। पार्टी में विभाजन के सिलसिले में दोनों खेमों की अलग-अलग याचिकाओं पर चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। (एजेंसी इनपुट के साथ)