मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मंगलवार को एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए एक विज्ञापन प्रकाशित किया जिसमें शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस की तुलना में अधिक लोगों की पसंद दर्शाया गया है। विभिन्न समाचार पत्रों में पूरे पन्ने का विज्ञापन जारी किया जिसका शीर्षक था, ‘‘राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार।” वहीं मुख्यमंत्री शिंदे ने बाद में यह कहते हुए इसे अधिक तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया कि वह और भाजपा नेता फडणवीस दोनों “लोगों के मन में हैं” और मिलकर काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, कई अखबारों में छपे पूरे पृष्ठ के विज्ञापन में शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की तस्वीर नहीं थी, जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को “मोदी-शाह की शिवसेना” करार दिया। इसमें शिवसेना का धनुष-बाण चिह्न और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिंदे की तस्वीर थी, लेकिन फडणवीस की तस्वीर नहीं थी। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की प्रचार सामग्री में बाल ठाकरे की तस्वीर का न होना उसके पहले के रुख से एक बदलाव दिखाता है।
पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करके शिवसेना को तोड़ने वाले शिंदे ने हमेशा कहा है कि उनका गुट बाल ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ा रहा है। विज्ञापन में कहा गया है, “मुख्यमंत्री पद के लिए हुए एक सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र के 26.1 प्रतिशत लोग एकनाथ शिंदे को और 23.2 प्रतिशत लोग देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं।” इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र के 49.3 प्रतिशत लोग भाजपा और शिवसेना गठबंधन को पसंद करते हैं। विज्ञापन में प्रस्तुत आंकड़े और दावे ‘जी टीवी-मेट्राइज’ सर्वेक्षण के हवाले से दिये गये हैं।
विज्ञापन के मुताबिक, “…सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र में 30.2 प्रतिशत लोग भारतीय जनता पार्टी को जबकि 16.2 प्रतिशत लोग (एकनाथ शिंदे नीत) शिवसेना को पसंद करते हैं। यह आंकड़ा दिखाता है कि महाराष्ट्र के 46.4 प्रतिशत लोग राज्य में विकास के लिए भाजपा और शिवसेना गठबंधन पर भरोसा करते हैं।”
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार मोदी के मार्गदर्शन में काम कर रही है और केंद्र ने मुंबई और राज्य में अन्य जगहों पर बुनियादी ढांचे के काम के लिए भारी धनराशि आवंटित की है। उन्होंने कहा, “(मुंबई) मेट्रो जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं जो महा विकास आघाडी सरकार के दौरान रुक गई थीं, फिर शुरू हो गई हैं। राज्य भर में प्रगति जोरों पर है। इसलिए लोगों ने हम पर प्यार और आशीर्वाद बरसाया है।”
शिंदे ने कहा, “मुझे और उप मुख्यमंत्री को सकारात्मक रेटिंग दी गई है। हम दोनों राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं और इसे आगे ले जा रहे हैं। मैं और उप मुख्यमंत्री कैबिनेट को साथ लेकर समग्र विकास कर रहे हैं। हम लोगों के दिमाग में हैं और यह महत्वपूर्ण है।” उन्होंने यह कहते हुए अपने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष भी किया कि वह और फडणवीस क्षेत्र में जाते हैं और घर से काम नहीं करते। कोरोना वायरस महामारी के दौरान ठाकरे मुख्यमंत्री के रूप में ज्यादातर घर से काम करने को लेकर विपक्ष के निशानों पर रहे थे।
विज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा, “पहले यह बालासाहेब की शिवसेना होती थी, लेकिन विज्ञापन ने स्थिति साफ कर दी है। अब यह मोदी-शाह की शिवसेना बन गयी है। विज्ञापन में दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर कहां है?”
कोट्यावधी रुपये खर्च करून केलेली ही जाहिरातबाजी.या आनंदाच्या क्षणी मा.मू. एकनाथ शिंदे यांना शिवसेना प्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांचा नेमका विसर पडलाय..आम्हीच
शिवसेना हा त्यांचा फुगा फुटला. जाहिरातीत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे यांचा फोटो टाकायला यांची तंतरली.
मोदी शहांचे इतके… pic.twitter.com/owsumBeN12— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 13, 2023
वहीं, नेता प्रतिपक्ष और एनसीपी नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “मैंने अपने राजनीतिक जीवन में आज तक इस तरह का विज्ञापन नहीं देखा, जो मैंने आज के अखबारों में देखा। विज्ञापन में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिंदे की तस्वीरें थीं। वे (शिवसेना) कहते हैं कि वे बालासाहेब ठाकरे के सैनिक हैं। जबकि बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीरें विज्ञापन से गायब है।”
Till date, in my political career, I have not seen this kind of advertisement which I saw in today’s newspapers. PM Narendra Modi and CM Shinde’s photos were there in the advertisement. They (Shiv Sena) say that they are the soldiers of Balasaheb Thackeray, whereas Balasaheb… pic.twitter.com/Qx1ZlYRWCO
— ANI (@ANI) June 13, 2023
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विज्ञापन को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा, “हमेशा चुनाव परिणाम तय करते हैं कि मतदाताओं को कौन सी पार्टी या नेता पसंद है। पहले शिंदे कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकप्रिय थे और अब मुख्यमंत्री के रूप में उनकी स्वीकार्यता बढ़ी है। राज्य की जनता को फडणवीस, शिंदे और मोदी से बहुत अपेक्षाएं हैं।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने राज्य स्तरीय नेता के तौर पर दो बार फडणवीस को तरजीह दी है। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना और भाजपा में ऐसी कोई तुलना नहीं है कि कौन बड़ी पार्टी है और कौन छोटी।”
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें और विधानसभा की 288 सीटें हैं। महाविकास आघाडी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने जोर दिया है कि वे एक साथ चुनाव लड़ेंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)