Uddhav
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    मुंबई.  शिवसेना (Shivsena) ने रविवार को दावा किया कि इस साल प्रतिबंध रहित गणेशोत्सव (Ganesha Puja) का श्रेय पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Udhhav Thackeray) को मिलना चाहिए। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा गया कि ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर दो साल तक कोविड-19 महामारी का मुकाबला किया और कड़े प्रतिबंध लगाए। सामना में प्रकाशित आलेख में कहा गया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का काम किया।

    शिवसेना के मुखपत्र में कड़कनाथ मुंबईकर के नाम से प्रकाशित ‘रोखठोक’ स्तंभ में कहा गया, ‘‘प्रतिबंध मुक्त गणेशोत्सव का श्रेय उद्धव ठाकरे को मिलना चाहिए।” आलेख में कहा गया कि महामारी के दौरान ऐसा समय आया था कि त्योहार नहीं मनाए जा सकते थे लेकिन इससे लोगों ने भगवान गणेश की पूजा करना बंद नहीं किया।

    आलेख में कहा गया, ‘‘शिवसेना ने इस त्योहार को सार्वजनिक रूप से मनाने की लोकमान्य तिलक की परंपरा को आगे बढ़ाया। शिवसेना के एकाधिकार को तोड़ने की प्रतियोगिता की जा रही है। अगर आप (विरोधी) मुंबई में मराठी एकाधिकार को समाप्त करना चाहते हैं तो गणपति मंडलों का नियंत्रण लीजिये या उन्हें खरीद लीजिये।”

    स्तंभ में कहा गया कि सार्वजनिक तौर पर गणेशोत्सव मनाने की परंपरा महाराष्ट्र में शुरू हुई और आज राज्य के महत्व को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। सामना में कहा गया, ‘‘महाराष्ट्र हिंदुत्व की असली धरती है। वीर सावरकर, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पहले सरसंघचालक का जन्म यहां हुआ था।” आलेख में योग गुरु रामदेव के उस बयान की भी आलोचना की गई जिसमें उन्होंने दावा किया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हिंदुत्व के नायक हैं और बालासाहेब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।