Photo: ANI/ Twitter
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    मुंबई: मुंबई के बीकेसी मैदान में दशहरा रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जय के साथ अपना भाषण शुरू किया। इस दौरान सीएम शिंदे ने जय भवानी और बाला साहेब ठाकरे के जयकारे लगाए। सीएम ने कहा कि, शिवसेना संस्थापक के विचारों से प्रेरित यहां मौजूद कट्टर शिवसैनिकों का विनम्र अभिवादन करता हूं। एकनाथ शिंदे माइक से दूर हटकर झुके और मैदान में मौजूद जनता को प्रणाम किया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि, गर्व से कहो हम हिंदू हैं।

    सभा में सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि, आपको (उद्धव ठाकरे) न्यायालय में जाकर शिवाजी पार्क तो मिल गया, लेकिन असली शिवसेना के वारिस हम हैं।  उन्होंने कहा, मैंने पहले भी कहा कि मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं, मैदान देने के मामले में मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है। हमने पहले आवेदन किया था। मैदान हमें मिल सकता था, लेकिन कानून व्यवस्था बनाने का मेरा काम था।

    सीएम एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि, मैदान हमें भले नहीं मिला, लेकिन शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के विचार हमारे साथ हैं। वहीं, रैली में मौजूद शिवसैनिकों से उन्होंने कहा कि, बाला साहेब के विचारों को आपने समर्थन किया। हमने शिवसेना को बचाने के लिए, बाला साहेब के विचारों के लिए, शिवसेना को बचाने के लिए हमने खुलकर ये कदम उठाया। हमें पूरे राज्य में लोगों का भारी जनसमर्थन मिल रहा है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हर जगह छोटे-बड़े महिला-बुजुर्ग सभी का समर्थन मिल रहा है।

    शिवसेना न उद्धव ठाकरे की है न एकनाथ शिंदे की

    महाराष्ट्र के सीएम ने आगे कहा कि, अगर हमने बेईमानी की होती तो क्या इतनी संख्या में लोग यहां मौजूद होते। हमने जो किया, इस राज्य के हित के लिए किया। शिवसेना न उद्धव ठाकरे की है न एकनाथ शिंदे की है। ये शिवसेना सिर्फ और सिर्फ बाला साहेब ठाकरे के विचारों और यहां के शिव सैनिकों की है। आप सब बाला साहेब के शिव सैनिक हैं, उनके विचारों के असली विरासतदार शिव सैनिक। हम लोग बाला साहेब ठाकरे के विचारों के वारिस हैं। इसलिए विचारों के साथ हम खड़े हैं।

    प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है शिवसेना 

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कहा कि, यह आपकी (उद्धव ठाकरे) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है। शिवसेना उन शिवसैनिकों की है जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है। आप जैसे लोगों के लिए नहीं जिन्होंने पार्टनरशिप की और उसे बेच दिया। 

    गद्दारी हुई है, लेकिन 2019 में

    रैली में शिवसैनिकों से शिंदे ने कहा कि, ‘पिछले महीने में हमें गद्दार और खोके कहा गया। तीसरा कोई और शब्द ही नहीं। हां गद्दारी हुई है, लेकिन वो गद्दारी 2019 में हुई। जो चुनाव हमने लड़ा था, उसके बाद जो गठबंधन हुआ, उसमें बाला साहेब के विचारों के साथ गद्दारी हुई। जिन लोगों ने बीजेपी-शिवसेना को मिलकर वोट किया था, उनके साथ धोखा हुआ। लोगों ने गठबंधन के नाम पर मतदान किया था। लोगों की अपेक्षा थी कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनेगी। आपने महाराष्ट्र की जनता के साथ गद्दारी की और आप हमें गद्दार कह रहे हो। हमने जो किया वो गद्दारी नहीं गदर है। गदर का मतलब है क्रांति। ये पूरे महाराष्ट्र ने देख लिया है। हम गद्दार नहीं। हम पर बाप चोरी का इल्जाम लगता है। आपने बाप को ही बेचने का ही निर्णय लिया। सहन करने की एक मर्यादा होती है।’