Shiv Sena sanjay-raut-says-devendra-fadnavis-took-some-good-decisions-will-meet-him

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    मुंबई: पात्रा चॉल घोटाला मामले में 102 दिनों तक जेल में रहने के बाद अब शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को जमानत मिल गई है। वह जेल से बाहर आ गए है। संजय राउत के बाहर आते ही अब उद्धव गुट (Uddhav Thackeray) की ताकत बढ़ गई है। वहीं, 102 दिन जेल में रहने के बाद आज संजय राउत मीडिया के सामने आए।

    इस मौके पर संजय राउत (Sanjay Raut) ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को लेकर एक अहम बयान दिया है। जब राज्य में नई सरकार बनी तो मैं जेल में था। लेकिन देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए गए कुछ फैसले निश्चित रूप से अच्छे हैं। हम बिल्कुल भी विरोधी नहीं हैं। संजय राउत ने कहा कि राज्य में सरकार वही चला रहे है और जल्द ही वह उनसे मुलाकात करेंगे। 

    संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि, राज्य में राजनीतिक कड़वाहट खत्म होनी चाहिए, ऐसा देवेंद्र फडणवीस ने कहा था। मैं उपमुख्यमंत्री की बातों का स्वागत करता हूं। राज्य में नई सरकार आने के बाद फडणवीस ने जरूर कुछ अच्छे फैसले लिए हैं। हम विपक्ष का विरोध नहीं करेंगे। राज्य के महत्वपूर्ण निर्णय फडणवीस ही ले रहे है। फडणवीस द्वारा लिए गए कुछ निर्णय सराहनीय हैं। इसलिए, वह अगले कुछ दिनों में देवेंद्र फडणवीस से मिलेंगे। वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे।” 

    शिवसेना सांसद (Sanjay Raut) ने आगे कहा, “जेल में रहना आसान नहीं है। अगर आपको लगता है कि लोग जेल में मजा कर रहे हैं, तो ऐसा नहीं है। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए कठिन समय रहा है। मुझे लगा कि लोग मुझे तीन महीने बाद भूल जाएंगे, लेकिन लोग मुझे प्यार करते हैं। पिछले तीन महीनों में मेरे परिवार ने बहुत कुछ खो दिया है। अदालत के फैसले के एक बड़ा संदेश मिला है। यहां तक कि जब हमारा देश 150 साल की गुलामी में था, तब भी ऐसा नहीं हो रहा था। जेल में आपको दीवारों से बात करनीपड़ती है। अकेलापन खा जाता है। जिसने मेरे खिलाफ साजिश रची है और उन्हें इस बात से ख़ुशी मिली, तो मैं भी इसमें शामिल हूं।”

    संजय राउत (Sanjay Raut) ने आगे मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बयान की याद दिलाते हुए उन्हें जवाब दिया। “राज ठाकरे ने मुझे जेल में जाना पड़ेगा ऐसा कहा था और अकेले में खुद से बातें करने की आदत डालने की सलाह दी थी। आज मैं कहता हूं हां मैंने अकेले में खुद से बातें की। क्योंकि सावरकर भी अकेले थे। लोकमान्य तिलक भी अकेले थे। आजादी के लिए वह जेल रहे। मेरी गिरफ्तारी भी राजनीति थी। कोर्ट के फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है।”