Uddhav Thackeray’s Shiv Sena moves Bombay HC to seek permission for Dussehra rally at Shivaji Park

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    नई दिल्ली: भारत के निर्वाचन आयोग ने शिवसेना (Shiv Sena) के चुनाव चिन्ह ‘तीर-कमान’ को 8 अक्टूबर को फ्रीज कर दिया था। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने रविवार (9 अक्टूबर) को पहली प्रतिक्रिया दी है। 

    40 सिर के रावण ने प्रभु श्रीराम का धनुष-बाण फ्रीज करवाया 

    तीर कमान को फ्रीज़ करने के बाद, उद्धव ठाकरे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 40 सिर के रावण ने प्रभु श्रीराम का धनुष-बाण फ्रीज करवाया है। मुझे दुःख तो हुआ पर गुस्सा इस बात का है कि आपने आपकी मां के सीने में ही छुरा घोंप दिया। उन्होंने कहा कि, ‘इस फैसले के बाद शिंदे गुट से ज्यादा खुशी बीजेपी को होगी कि देखो हमने आपके ही लोगों से आपकी शिवसेना फ्रीज करवा दी। अब कुछ लोग खुद ही शिवसेना प्रमुख बनना चाह रहे हैं, ये अब कुछ ज्यादा ही हो रहा है।’

    ऐसे हुई शिवसेना की शुरुवात

    उद्धव ठाकरे ने कहा कि, ‘शिवाजी पार्क में दशहरा मेला न हो इसका प्रयास किया गया। दशहरे पर दो सम्मेलन हुए, एक तरफ फाइव स्टार इवेंट और दूसरी तरफ सुखी भाकरी खाकर आम आदमी शिवाजी पार्क आया था। उद्धव ठाकरे कौन है? मैं उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं इसलिए मेरी कीमत है। शिवाजी पार्क में हमारा वन बीएचके कमरा था। अचानक मेरे दादाजी ने बालासाहेब से पूछा था कि अपनी समस्या लेकर इतने लोग आ रहे हैं, कोई संगठन बनाओगे या नहीं। बालासाहेब ने कहा विचार चल रहा है। बालासाहेब को प्रबोधनकार ने कहा कि शिवसेना नाम रखो, ऐसे शिवसेना की शुरुवात हुई।’

    दोषी कौन है कांग्रेस या बीजेपी? 

    उन्होंने कहा, ‘इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान जो नहीं किया, वह आप कर रहे हैं। उस समय इंदिरा गांधी के पास शिवसेना पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव आया था। हालांकि, उन्होंने शिवसेना पर प्रतिबंध नहीं लगाने का फैसला किया। उस समय भी शिवसैनिक तड़प रहे थे, तड़पारी चल रही थी। लेकिन कांग्रेस ने कभी शिवसेना को खत्म करने की कोशिश नहीं की। 

    ठाकरे ने शिंदे गुट से सवाल करते हुए कहा, आज आप आरोप लगाते हैं कि हमने कांग्रेस के साथ जाकर हिंदू धर्म छोड़ दिया, लेकिन आज आप उन लोगों की गोद में बैठकर सत्ता में आए हैं जो शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। तो दोषी कौन है कांग्रेस या बीजेपी? 

    हिम्मत है तो बालासाहेब काे नाम का इस्तेमाल मत करो

    उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि, मुझे मेरे पिता और दादाजी ने सिखाया है कि आत्मबल आत्मविश्वास होगा तो डरने की जरूरत नहीं, मैं लड़खड़ाया नहीं, आप भी मत लड़खड़ाओ। अगर हिम्मत है तो बालासाहेब काे नाम का इस्तेमाल मत करो।आपको बालासाहेब चाहिए पर बालासाहेब का पुत्र नहीं। ठाकरे परिवार को छोड़कर शिवसेना को गुलाम बना के रखना है।