
मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले राकांपा समूह के शामिल होने से भाजपा (BJP) और शिवसेना (Shivsena) के मंत्री पद के दावेदारों की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं एवं उनमें से कुछ नाराज हैं तथा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस भावना से अवगत हैं। शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर (Gajanan Kirtikar) ने बुधवार को यह बात कही।
उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 350 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और लोकसभा की 48 सीटों वाला महाराष्ट्र, भाजपा के लिए इस संख्या को बढ़ाने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण राज्य है। राकांपा के साथ आने से महाराष्ट्र से 40-42 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
मुंबई उत्तर पश्चिम के सांसद ने कहा कि लोकसभा (चुनाव) जीतने के बाद विधानसभा (चुनाव) आसानी से जीती जा सकती है। कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री शिंदे के साथ जाने वाले कीर्तिकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “राकांपा के सरकार में शामिल होने के बाद भाजपा और शिवसेना से मंत्री पद के दावेदारों की गुंजाइश कम हो गई है। इससे कुछ विधायक नाराज हैं। मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी है।” राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस घटनाक्रम ने शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को विभाजित कर दिया। अजित पवार खेमे से नौ मंत्रियों के शामिल होने से शिंदे-फडणवीस मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 29 हो गई है। अब मंत्रिमंडल में 14 पद रिक्त हैं। पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे के देवेन्द्र फडणवीस के साथ सरकार की कमान संभालने के बाद यह राज्य मंत्रिपरिषद का दूसरा विस्तार था।