भिवंडी : महाराष्ट्र (Maharashtra) के 28 हजार ग्रामपंचायतों (Gram Panchayat) में कार्यरत करीब 60 हजार कर्मचारियों के वेतन सहित विविध मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य ग्रामपंचायत कर्मचारी युनियन राज्य अध्यक्ष विलास कुमरवार, राज्य सरचिटणीस गिरीश दाभाडकर, ठाणे जिलाध्यक्ष दत्तात्रय भोईर के नेतृत्व में विधानभवन (Vidhan Bhavan) तक आक्रोश मोर्चा का आयोजन भिवंडी ठाणे बायपास मार्ग मानकोली से शुरू हुआ। आक्रोश मोर्चे में अलग-अलग जिला से आये हजारों कामगार आंदोलन में सहभागी हुए। हाईवे पर पुलिस उपायुक्त योगेश चव्हाण नें तगड़ा पुलिस बंदोबस्त कर मोर्चा को रोक लिया। अधिवेशन शुरू होने की गंभीरता को देखते हुए नेताओं का शिष्टमंडल मुंबई जाकर चर्चा करने पर सहमति जताते हुए मोर्चे को स्थगित किया गया।
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के 28 हजार ग्राम पंचायतों में कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन मिलने सहित ग्राम पंचायत कर्मियों को वेतन कायद्यानुसार मंजूर वेतन अनुदान ग्रा।पंचायत खाता में ऑनलाइन पद्धती से जमा करने का निर्णय होने के बावजूद हो रहे अन्याय के विरोध में कर्मचारियों के मन में आक्रोश फैला है।उक्त प्रतिपादन युनियन के राज्य अध्यक्ष विलास कुमरवार ने देते हुए कहा कि कर्मचारियों के साथ वर्षों से अन्याय कर रही है। मानकोली से शुरू मोर्चे को पुलिस अधिकारियों ने अधिवेशन शुरू होने की बात कहते हुए समझा-बुझाकर रोक दिया। पुलिस के प्रयासों से मोर्चा के नेताओं में प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से सरकार को निवेदन देने की बात तय हुई।
केंद्रीय मंत्री ने लिया कर्मचारियों से निवेदन
केंद्रीय पंचायतराज राज्यमंत्री कपिल पाटिल ने मोर्चा स्थान पर जाकर कर्मचारियों से निवेदन स्वीकार किया। उक्त अवसर पर बोलते हुए मंत्री कपिल पाटील ने कहा कि, कर्मचारियों में प्रलंबित मांगे पूर्ण न होने पर भारी आक्रोश है। कर्मचारियों की मांगे पूर्णतया जायज हैं। राज्य शासन द्वारा 2018 से मंजूर अहवाल धूल खा रहा हैं। महाविकास आघाडी सरकार कर्मचरियों को हक के लिए मोर्चा निकालने पर मजबूर किया है। सरकार से जानकारी प्राप्त कर मसले के निस्तारण का भरोसा मंत्री पाटिल ने दिया। आक्रोश मोर्चा के कारण मुंबई-नाशिक महामार्ग पर कई घंटे तक भारी जाम लगा रहा जिससे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। यातायात व्यवस्था को सुचारु करने में ट्रैफिक कर्मियों के पसीने छूट गए।