सीएम एकनाथ शिंदे ने भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से मुलाकात कर समस्या के समाधान का वादा किया

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    ठाणे : वर्तमान में पद पर कार्यरत कर्मचारियों (Employees) की संख्या से अधिक होने पर जाति वैधता प्रमाण पत्र अमान्य कर दिया गया है। जबकि अधिकांश कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए, कुछ का निधन भी हो गया लेकिन उन्हें विभिन्न सरकारी सेवाओं (Government Services) का लाभ नहीं मिला। अपनी इसी मांग को लेकर कर्मचारियों ने जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठे थे। इन कर्मचारियों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने मुलाकात उन्हें उनकी समस्याओं के समाधान का वादा किया और अनशन खत्म करने को कहा। 

    कर्मचारियों ने ऑर्गेनाइजेशन फॉर राइट्स ऑफ ह्यूमन (अफ्रोह) के नेतृत्व में इस अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत सोमवार से शुरू की थी। भूख हड़ताल करने वालों ने आरोप है कि विवादित जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के वास्तविक जाति प्रमाण पत्र को धोखाधड़ी से अमान्य और जब्त कर लिया गया था। 

    अब तक कोई निर्णय नहीं

    इन कर्मचारियों को 11 महीने के लिए सुपरन्यूमैरेरी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पिछले 33 महीनों में 1,000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए। उन्हें पेंशन नहीं दी गई और मृतक कर्मचारियों के उत्तराधिकारियों को पारिवारिक पेंशन का भुगतान नहीं किया गया। सरकार ने 20 सितंबर तक सकारात्मक फैसला लेने की बात कही थी लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। जिसके कारण कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। मजदूरों के इस भूख हड़ताल को संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने आज उनकी समस्याओं के समाधान का वादा किया है।