Fire broke out again in Ulhasnagar's illegal dumping ground, smoke spread for 2 km

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    उल्हासनगर : स्थानीय कैंप नंबर 5 के खदान परिसर स्थित महानगरपालिका (Municipal Corporation) के अवैध डंपिंग ग्राउंड (Illegal Dumping Ground) में शुक्रवार (Friday) की रात को अचानक आग (Fire) लग जाने की घटना की सूचना मिलते ही अग्निशमन दल की गाडियां और टीम पहुंची और आग को बुझाने की कोशिश शुरू की। दमकल कर्मियों ने शनिवार की दोपहर आग पर काबू पाया। लेकिन इस आग की लपटों और डंपिंग से निकले धुंए से परिसर के नागरिकों (Citizen) को दिक्कत का सामना करना पड़ा। 

    उक्त डंपिंग ग्राउंड बनने के समय से ही परिक्षेत्र के  लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस डंपिंग को बंद करने की मांग को लेकर स्थानीय नागरिक, एनजीओ के पदाधिकारी सहित महानगरपालिका के जनप्रतिनिधि अपने अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर चुके है। देर रात तक भयंकर आग और उससे निकलने वाला विषैला धुंआ 2 किलोमीटर दूर तक फैल गया था। विशेषकर उल्हासनगर कैंप 5 में अनेक मंदिर, आश्रम और दरबार है जिसमें  हर रोज सैकड़ों की संख्या में भक्त आते है उनको भी इस विषैले धुंए से परेशानी उठानी पड़ी। 

    तीन साल पहले उल्हासनगर के समाजसेवी राजकुमार कुकरेजा और राजेश चांगलानी द्वारा एनजीटी में गुहार लगाई गई थी। एनजीटी द्वारा उल्हासनगर महानगरपालिका को नोटीस भेजकर 2 महीने में डंपिंग ग्राउंड हटाने की कवायद करने पर विचार करने बोला गया था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर अभी तक अमल नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक अभी तक इस अवैध डंपिंग ग्राउंड पर साढ़े 4 करोड़ रूपए तक के टेंडर पास हो चुके है लेकिन इतना करके भी यहां की समस्या जस की तस है। अंबरनाथ तहसील के उसाटणे गांव में घनकचरा प्रक्रिया प्रकल्प किया जाएगा ऐसा भी कहा गया था मगर उसको भी 1 साल अर्सा हो गया है। 

    वहीं राष्ट्रीय हरित अधिकरण NGT के याचिकाकर्ता राजकुमार कुकरेजा का कहना है कि, उक्त डंपिंग ग्राउंड उसाटणे गांव में स्थलांतरित होने में अभी समय है क्योंकि प्रस्तावित जमीन पर  प्रत्यक्ष रूप से कोई काम शुरू नहीं हुआ है। महानगरपालिका लोंगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। नागरिकों के हित की कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं जब तक समस्या का निदान नहीं होता है में तब तक मामले को उठाता रहूंगा।