Holding Pond

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नवी मुंबई: राज्य में साल 2005 से मैंग्रोव संरक्षण का कानून लागू हुआ है, जिसकी वजह से मैंग्रोव (Mangrove) वाले क्षेत्र में किसी भी तरह का काम करने पर प्रतिबंध (Ban) लगा हुआ है। इस वजह से विगत 18 साल से नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) क्षेत्र के 11 होल्डिंग पॉन्ड (Holding Pand) और दो स्ट्रोम वाटर पंप हाउस से लगे हुए होल्डिंग पॉन्ड समेत कुल 13 होल्डिंग पॉन्ड की सफाई करना संभव नहीं हुआ है। कानूनी दांवपेच के चलते उक्त सभी होल्डिंग पॉन्ड की सफाई मैंग्रोव की वजह से रुकी हुई है, जिसकी वजह से नवी मुंबई (Navi Mumbai) जैसी प्लान सिटी पर बाढ़ (Flood ) का खतरा बढ़ते जा रहा है।

गौरतलब है कि नहीं मुंबई का क्षेत्र खाड़ी के किनारे से लगा हुआ है, जिसे ध्यान में रखते हुए सिडको ने इस शहर को बसाते समय यहां की भौगोलिक परिस्थिति का अध्ययन कर के इस शहर से लगे खाड़ी के किनारे पर बेलापुर, सानपाडा, वाशी, कोपरखैरने और ऐरोली विभाग में उक्त होल्डिंग पॉन्ड का निर्माण कराया था। जिसमें मानसून के दौरान बारिश के पानी को जमा कर के खाड़ी में छोड़ा जाता है। इस व्यवस्था की वजह से मानसून के दौरान नवी मुंबई में जल जमाव नहीं होता था, लेकिन उक्त होल्डिंग पॉन्ड की सफाई नहीं होने की जिसकी वजह से उक्त सभी होल्डिंग पॉन्ड में भारी मात्रा में कीचड़ और अन्य कचरा जमा हो गया है। इस कारण से विगत कुछ साल से नवी मुंबई के बेलापुर, नेरुल और वाशी में जल जमाव होने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिसे लेकर महानगरपालिका प्रशासन चिंतित है।

NCZMA को सौंपी गई है प्राथमिक रिपोर्ट

उक्त मामले में मनपा प्रशासन कोर्ट के आदेश अनुसार इस समस्या को सुलझाने में जुटा हुआ है। जिसके लिए महानगरपालिका ने साल 2013 में राज्य के एमसीजेडएमए को प्रस्ताव पेश किया था, जिसने उक्त होल्डिंग पॉन्ड की सफाई को हरी झंडी दिखाई थी, लेकिन इसके बाद साल 20-21 में यह मामला राष्ट्रीय किनारपट्टी व्यवस्थापन प्राधिकरण (NCZMA) के पास चले गया। जिसके पास महानगरपालिका ने उक्त संबंध में प्रस्ताव भेजा था। जिसने उक्त प्रस्ताव का अध्ययन करके फिर से प्रस्ताव देने की बात कही। उक्त संबंध में महानगरपालिका ने विशेषज्ञों से अध्ययन कराने के बाद उक्त प्राधिकरण को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी हैं।

होल्डिंग पॉन्ड की सफाई के बारे में सलीम अली पक्षी विज्ञान और प्राकृतिक विज्ञान केंद्र को अध्ययन करने का काम सौंपा गया था, जिसने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट दी है। जिसे एनसीजेडएमए को दिया गया है। इस संबंध में मई 2023 तक अंतिम रिपोर्ट मिलने की संभावना है, जिसे संबंधित प्राधिकरण को दिया जाएगा। उसके बाद इस संबंध में कोर्ट से आदेश हासिल कर के उक्त काम को करना संभव होगा।

-मनोज पाटिल, अतिरिक्त शहर अभियंता, नवी मुंबई महानगरपालिका