गणपति आए और चले गए, सड़क के गड्ढे जस के तस

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    कल्याण : गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) संपन्न हो गया है गणेश भगवान आए और हिचकोले खाते हुए चले गए लेकिन सड़कों (Roads) के गड्ढे (Potholes) ज्यों के त्यों बने हुए हैं और अब ऐसा लगता हैं कि नवदुर्गा उत्सव के समय भी रहेंगे? और दुर्गा मां भी आएंगी और सड़कों के गड्ढों में ही हिचकोले खाते हुए विदा भी हो जाएंगी फिर भी सड़कों के  गड्ढे नहीं भरे जा सकेंगे? महानगरपालिका (Municipal Corporation) क्षेत्र की विभिन्न सड़कों के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी जान लेवा गड्ढे बने हुए हैं। 

    हाईवे पर टोल वसूली जारी 

    अर्जुनाली टोल नाके के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 3 पर बने गड्ढों से यात्रियों को काफी परेशानी होती है। राजमार्गों पर गड्ढों से वाहनों को नुकसान होता है, यातायात धीमा होता है, यातायात में वृद्धि होती है और यात्रियों को परेशानी होती है और सबसे खराब बात यह है कि गड्ढों के कारण बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं।  गड्ढों से होने वाली दिक्कतों के कारण 3 घंटे की दूरी तय करने में 5 घंटे का समय लग जाता है। इस हाईवे पर भारी टोल वसूली चल रही है, लेकिन सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है। महिना भर से पहले समाजसेवी दिनेश बेलकारे ने यात्रियों के उत्पीड़न को देखते हुए गड्ढों को भरने या टोल बूथों को बंद करने की मांग की थी। एक औपचारिक शिकायत सरकारी विभाग में भी की गई थी और स्थानीय राजनीतिक पदाधिकारियों से भी अपील की गई थी। 

    हफ़्तों बीत गए और ये अधिकारी चुप है 

    तदनुसार इस क्षेत्र के राजनीतिक पदाधिकारियों ने टोल बूथ और स्थानीय पुलिस स्टेशन को प्रासंगिक बयान देते हुए कहा है कि यदि एक सप्ताह के भीतर गड्ढों को नहीं भरा गया तो टोल बूथ अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा। कई सप्ताह बीत गए और ये अधिकारी चुप हो गए। इनमें से कुछ अधिकारियों ने तो किसी और को टोल बूथ पर प्रदर्शन करने की कोशिश करने से भी रोक दिया। अधिकारी, पदाधिकारियों की यह बदली हुई भूमिका उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है। शिकायत के जवाब में सरकारी अधिकारियों ने एक रिपोर्ट दर्ज की कि सड़क यातायात के लिए उपयुक्त है। 

    समाजसेवी दिनेश बेलकारे ने भी सरकारी अधिकारियों की भूमिका को लेकर नाराजगी जताई है। कुल मिलाकर सभी ने ऐसा चश्मा लगा रखा है जिससे सड़क पर गड्ढे नजर नहीं आ रहे हैं और सभी के मन में एक मजेदार सवाल है कि ये चश्मा देने वाला कौन है। दिनेश बेलकारे ने कहा है कि वह टोल के इस मनमाने प्रशासन के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे और कोर्ट तक दौड़ेंगे।