पर्यटकों के लिए अच्छी खबर, माथेरान में 172 साल बाद चला ई-रिक्शा

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    बदलापुर : मुंबई से करीब मध्य रेलवे के नेरल रेलवे स्टेशन (Neral Railway Station) से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित माथेरान हिल स्टेशन (Matheran Hill Station) का अपना 172 साल का इतिहास है। पहली बार माथेरान हिल स्टेशन पर ई-रिक्शा (E-Rickshaw) सेवा शुरू की गई है, जहां अब तक वाहनों की आवाजाही पर रोक थी, भविष्य में माथेरान के पर्यटन विकास (Tourism Development) में ई-रिक्शा अहम भूमिका निभाएगा। 

    माथेरान गिरिस्थान की खोज अंग्रेजों ने 1850 में की थी, तभी से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए माथेरान में वाहनों पर प्रतिबंध लागू है। इसलिए पर्यटकों को अपनी कारों को दस्तूरी प्वाइंट वाहन अड्डे पर पार्क करना पड़ता था और फिर घोड़े या हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे से 3 किलोमीटर माथेरान गिरिस्तान की यात्रा करनी पड़ती थी। यहां तक ​​कि नेरल से माथेरान के बीच चलने वाली मिनी ट्रेन भी अब तक अनियमित थी। इसके अलावा, घोड़े और ऑटो रिक्शा की कीमतें कई लोगों के लिए सस्ती नहीं थीं, इसलिए अधिकांश पर्यटकों को दस्तूरी पॉइंट से माथेरान तक 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। 

    इन सबका असर माथेरान के पर्यटन पर पड़ रहा था। लेकिन बदलते समय के अनुसार बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए माथेरान गिरिस्थान में ई-रिक्शा चलाने की अनुमति देने की मांग उठ रही थी। इसके लिए माथेरान के सुनील शिंदे सुप्रीम कोर्ट गए और 12 साल तक इसका पीछा किया। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार माथेरान में ई-रिक्शा सेवा शुरू कर दी गई। शुरुआत में यह ई-रिक्शा तीन महीने तक ट्रायल बेसिस पर चलाया जाएगा। माथेरान गिरिस्थान नगर परिषद की मुख्याधिकारी सुरेखा भणगे ने बताया कि ई-रिक्शा सेवा को कितना प्रतिसाद मिलता है इसको देखने के बाद नगर पालिका द्वारा अगली नीति तय की जाएगी। 

    ई-रिक्शा सेवा से माथेरान आने वाले पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी 

    बता दें की फिलहाल यह ई-रिक्शा माथेरान नगर परिषद के माध्यम से शुरु किया गया है और इसके लिए दस्तूरी पॉइंट से माथेरान मार्केट तक के 3 किमी के सफर के लिए 35 रुपए लिए जा रहे हैं। छात्रों के लिए यह दर मात्र 5 रुपए ही होगी। इस ई-रिक्शा सेवा से माथेरान आने वाले पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी और भविष्य में माथेरान के पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। इस ई-रिक्शा सेवा से स्थानीय निवासियों, वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों को भी लाभ होगा।