भिवंडी: मुंबई-नासिक हाइवे (Mumbai-Nashik Highway) पर भारी ट्रैफिक जाम (Heavy Traffic Jam) लग रहा हैं। भिवंडी से ठाणे (Bhiwandi to Thane) तक की करीब एक घंटे की दूरी तय करने में वाहन चालकों को करीब ढ़ाई से तीन घंटे लग रहे हैं। मुंबई- नासिक हाइवे पर यात्रा करने वाले तमाम लोगों पर नौ दिन चले अढ़ाई कोस की कहावत पूर्णतया चरितार्थ हो रही है। हाइवे पर लग रहे भारी जाम से वाहन चालक मुंबई (Mumbai) जाने के नाम से ही कतराने लगते हैं। जाम की वजह से कोई भी मुसाफिर निश्चित समय पर गन्तव्य स्थल तक नहीं पहुंच पा रहा है।
टौफिक जाम की वजह से इमरजेंसी सेवाएं भी समय से गंतव्य स्थानों तक नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे मरीजों, दूध की गाड़ियों, स्कूली बसों, सब्जी की गाड़ियों आदि आवश्यक वाहनों को भी भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा हैं। अनियंत्रित जाम को नियंत्रित करने में ट्रैफिक कर्मियों के पसीने छूट रहे हैं। जनहित सामाजिक संस्था ने ट्रैफिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से मुंबई-नासिक हाइवे पर लग रहे जाम के निवारण के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की हैं।
केंद्रीय मंत्री के घर के पास भी लगता है जाम
गौरतलब है कि बरसात के पूर्व ही मुंबई-नासिक हाइवे पर भिवंडी बाईपास, राजनोली नाका से मानकोली, अंजूर दिवे, खारे गांव नाका, रुस्तमजी, ठाणे फ्लाईओवर तक प्रतिदिन सुबह से रात तक जाम लग रहा है। हैरतअंगेज है कि दिवे-अंजूर गांव स्थित केंद्रीय पंचायत राज राज्य मंत्री कपिल पाटिल के घर के सामने भी सुबह से रात तक भारी जाम लगा रहता है। केंद्रीय मंत्री पाटिल की गाड़ियों का काफिला तो ट्रैफिक कर्मी किसी न किसी तरह निकाल देते हैं, लेकिन आम वाहन चालकों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। हाईवे पर लगने वाले भयंकर जाम की वजह से पैदल, दुपहिया चालकों को भी मार्ग से निकलना बेहद कठिन साबित हो रहा हैं।
18 किलोमीटर की दूरी तय करने में लग रहे दो से तीन घंटे
कई वाहन चालकों ने बताया कि खारे गांव नाका के समीप स्थित पुल की रिपेयरिंग के लिए मार्ग का कुछ हिस्सा बंद होने से भी जाम लग रहा है। भयंकर जाम का आलम यह है कि भिवंडी बाईपास राजनोली नाका से ठाणे की करीब 18 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब ढाई-तीन घंटे लग लग रहे हैं। हाइवे पर लग रहे भारी जाम की वजह से भिवंडी से ठाणे जाने में नौ दिन चले अढ़ाई कोस की कहावत पूर्णतया चरितार्थ हो रही है।
हाइवे किनारे प्याऊ, शौचालय न होने से यात्रियों को हो रही परेशानी
मुंबई-नासिक हाइवे के दोनों किनारों पर प्याऊ और शौचालय नहीं होने का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ता हैं। सीनियर सिटीजन, शुगर मरीज, बच्चे, महिलाएं को प्यास लगने पर मार्ग किनारे कहीं पानी नहीं मिलता है। शौच लगने पर कहीं शौचालय नहीं होने से बच्चों, महिलाओं को पेट दबाकर वाहनों में यात्रा करने की मजबूरी हैं। सैकड़ों यात्रियों ने आपबीती बयां करते हुए बताया कि गर्मी के मौसम में अगर आपके पास पानी की बोतल नहीं है तो भिवंडी से ठाणे तक आपको कहीं भी पानी नसीब नहीं होगा। शौचालय नहीं होने की वजह से महिलाओं, बच्चों और सीनियर सिटीजन सहित शुगर मरीजों को रोड के किनारे ही बैठकर शौच करने की मजबूरी कभी-कभार हो जाती है। सरकार को हाइवे बनाते समय प्याऊ, शौचालय का इंतजाम करना चाहिए प्यास और सोच लगने पर यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
मुख्यमंत्री का आदेश भी साबित हुआ हवाहवाई
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संपूर्ण ठाणे जिले को यातायात जाम और गड्ढों से मुक्त करने का आदेश शीर्ष अधिकारियों को दिया था। मुख्यमंत्री शिंदे के आदेश के उपरांत भी ट्रैफिक जाम और गड्ढे की हालात जस के तस बने हुए हैं। हालात अगर ऐसे ही रहे तो बरसात में भिवंडी से ठाणे, मुंबई जाने के पहले सौ बार सोचना पड़ेगा। शहर के नागरिकों ने सीएम एकनाथ शिंदे से ट्रैफिक जाम व्यवस्था के निराकरण की पुख्ता व्यवस्था किए जाने की अपील की हैं।