Mahavitaran Smart meters

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    ठाणे : महावितरण (Mahavitaran) वर्तमान में नए मीटरों (New Meters) और फ्लोटिंग मीटर (Floating Meters) बदलने के कामों की शुरुआत की है। लेकिन इसकी कमी का सामना महावितरण विभाग (Mahavitaran Department) को करना पड़ रहा है। जिसका खामियाजा ग्राहकों (Customers) को भी भुगतना पड़ रहा है। महावितरण ऐसे ग्राहकों को निजी डीलरों से मीटर खरीदने के लिए मजबूर करती नजर आ रही है। क्योंकि मीटर लेने के बाद मीटर जांच शुल्क भी देने को कहा है। मीटर उपलब्ध होने पर भी मीटर लगाने में देरी होती है। ऐसे में ग्राहकों के तीन से चार महीने बर्बाद हो रहे हैं। 

    कई उपभोक्ताओं ने हमेशा महावितरण के काले भ्रम का अनुभव किया है, कभी उन्हें अधिक बिल दिया जाता है, कभी-कभी समस्याओं का समय पर समाधान नहीं होता है। ऐसी कई शिकायतों से निपटने के लिए ग्राहकों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। अब नए मीटर की समस्या ने ग्राहकों को परेशान कर रखा है। नए मीटर कनेक्शन के लिए आवेदन करने के बाद ग्राहकों को 8-8 महीने से नया कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। नए कनेक्शन लेने पर भी ग्राहकों को मजबूरन बाहर से मीटर खरीदना पड़ रहा है, इन मीटरों की कीमत 700 रुपए से 800 रुपए है और इतनी रकम चुकाने के बाद महावितरण ने कहा कि उन्हें उसी निजी डीलर से मीटर खरीदना पड़ रहा है। उसके बाद मीटर को महावितरण कार्यालय में लाया जाता है। इसकी जांच शुल्क देने को कहा जाता है, ग्राहकों की शिकायत है कि शुल्क का भुगतान करने के बावजूद समय पर मीटर नहीं मिल रहा है। यदि मीटर की राशि की आवश्यकता होगी तो भी उसे महावितरण द्वारा बिल से कम किया जाएगा। साथ ही एक जगह से दूसरी जगह टेस्ट करने के बाद मीटर को वापस पहले स्थान पर लाने की जिम्मेदारी भी ग्राहक के कंधों पर आ जाती है। यह सिलसिला फिर तीन-चार महीने से चल रहा है। इसलिए ग्राहक परेशान है। हालांकि, इस संदर्भ में महावितरण के अधिकारी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। 

    “इस संबंध में वागले एस्टेट स्थित महावितरण के कार्यालय में अधिकारियों को आवेदन दिया गया है। महावितरण के साथ मेरा यह बुरा अनुभव रहा है। यह निश्चित रूप से दूसरों के अनुभव रहा होगा। महावितरण विभाग को इसका जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए। जिससे ग्राहकों की समस्या का निदान हो सके।” – (योगेश दलवी,शिकायतकर्ता नागरिक)।