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    नई दिल्ली: पैसे कमाने के चक्कर में लोग कई तरह के फर्जीवाड़े करते है, कई बार अपने खबर सुनी होगी कि कोई डॉक्टर फर्जी निकला या फिर कोई वकील फर्जी निकला। कुछ ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के ठाणे से सामने आया है। जो बेहद चौकाने वाला मामला है, बता दें कि यहां एक शख्स के पास एक मरे हुए डॉक्टर की डिग्री थी जबकि वह खुद दसवीं पास था। हैरानी वाली ये है कि इसके बावजूद भी वह एक अस्पताल का मालिक था।

    इतना ही नहीं बल्कि वह काफी समय से लोगों का इलाज भी कर रहा था। लेकिन ये फर्जीवाड़े का खेल ज्यादा दिन नहीं टिका। जी हां एक दिन उसकी पोल बुरी तरह खुल गई। आइए जानते है आखिर कैसे हुआ इस फर्जीवाड़े का भांडा फोड़…. 

    10 पास युवक करता था लोगों का इलाज 

    जैसा की हमने आपको बताया यह घटना महाराष्ट्र के ठाणे की है। यहां स्थित उल्हासनगर में पुलिस ने इस मामले का भंडाफोड़ किया है। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी शख्स का नाम विनोद राय है और उसने सिर्फ दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वह पिछले दो सालों से उल्हासनगर शहर के एक अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहा था। उसके पास इलाज कराने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती थी। फिर कुछ ऐसा हुआ की सब लोग चौंक गए। 

    बिना डिग्री के बना डॉक्टर 

    रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि वह करीब दो साल से अपने ही अस्पताल में इलाज कर रहा था। बता दें कि इसके लिए वह एक ऐसे डॉक्टर की डिग्री का इस्तेमाल कर रहा था जिनकी मौत साल 2019 में हो चुकी है। लोगों को अंदाजा नहीं था कि वह ऐसे डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं, जो केवल 10 वीं पास है। यह भी बताया गया कि उसके अस्पताल में काम करने वाले कई और भी ऐसे लोग हो सकते हैं जिनके पास कोई डिग्री नहीं है। अब इस मामले की जांच हो रही है  

    पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी 

    इस फर्जीवाड़े मामले की जानकारी देते हुए उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक मधुकर कद ने बताया कि स्थानीय नगर निकाय के एक चिकित्सा अधिकारी को निरीक्षण के दौरान पता चला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज किया और उसे नोटिस जारी किया। फिलहाल मामले की जांच जारी है और उसे जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। इस मामले का खुलासा होता है स्थानीय लोग बेहद हैरान है।