bhiwandi old bulding

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    भिवंडी: भिवंडी महानगरपालिका कमिश्नर विजय कुमार म्हसाल (Bhiwandi Municipal Commissioner Vijay Kumar Mhasal) के निर्देश पर नागरिकों की सुरक्षा के लिए अतिजर्जर इमारतों (Dangerous Buildings) को तोड़ा जा रहा है। महानगरपालिका अधिकारियों की टीम इमारतों में रहने वाले रहिवासियों को समझाकर स्थानांतरित कर रही है। कासार अली (Kasar Ali) स्थित एक पुराने इमारत (Old Building) को महानगरपालिका प्रभाग समिति क्रमांक-5 सहायक आयुक्त सुदाम जाधव की टीम ने धराशाई कर दिया है।

    गौरतलब है कि बरसात के दौरान धोखादायक, अतिधोखादायक इमारतों के गिरने का खतरा बना रहता है। नागरिकों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए महानगरपालिका कमिश्नर विजय म्हसाल ने महानगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सभी धोखादायक, अति धोकादायक चिन्हित इमारतों को रहिवासियों से खाली कराकर तोड़क कार्रवाई किए जाने का आदेश क्षेत्रीय प्रभाग अधिकारियों को दिया है। 

    महानगरपालिका कमिश्नर ने दिया है आदेश

    महानगरपालिका कमिश्नर म्हसाल के आदेश पर भिवंडी में बड़े पैमाने पर अति धोखादायक,अति धोकादायक इमारतें तोड़ी जा रही हैं। महानगरपालिका कमिश्नर म्हसाल के निर्देशानुसार महानगरपालिका प्रभाग क्रमांक-5 सहायक आयुक्त सुदाम जाधव की टीम ने कासार अली स्थित बरसों पुराना बना हुआ मकान नंबर 236, 3 मंजिला मकान में जान हथेली पर लेकर रह रहे 3 परिवारों को समझाकर खाली कराकर तोड़क कार्रवाई शुरू कर दी है।

    1200 इमारतें धोखादायक घोषित 

    गौरतलब है कि भिवंडी में करीब 1200 इमारतें धोखादायक घोषित है, जिसमें कमोबेश 50% से अधिक इमारतों को महानगरपालिका की टीम द्वारा रहिवासियों से खाली कराकर बिजली, पानी आपूर्ति खंडित कर तोड़क कार्रवाई की गई। शेष इमारतें बिजली, पानी कनेक्शन खंडित कर अभी तक तोड़ी नहीं गई। 

    जमीन मालिक और किराएदार के बीच आपसी तालमेल का अभाव 

    धोकादायक घोषित सैकड़ों इमारतों में लोग रह रहे हैं जिसका प्रमुख कारण जमीन मालिक और किराएदार के बीच आपसी तालमेल का अभाव है। कई किरायेदारों ने बताया कि करीब 25 वर्ष से हम इमारत में रहते हैं, लेकिन जमीन मालिक जबरदस्ती मकान खाली कराकर नई इमारत बनाना चाहता है। नई इमारत में मकान देने की बात भी जमीन मालिक नहीं करता है। जमीन मालिक और किराएदार की आपसी खटपट से किराएदार इमारतों को खाली नहीं करते और कभी-कभी हादसों के शिकार बन जाते हैं। महानगरपालिका प्रशासन धोखादायक घोषित इमारतों को तोड़ने के पूर्व किरायेदारों का पंचनामा कर जरूरी कागजात प्रदान कर रहा है। महानगरपालिका पंचनामा के आधार पर  नई इमारत निर्माण होने पर जमीन मालिक, बिल्डर को किराएदार को मकान देना ही पड़ेगा।