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    नवी मुंबई: दुनिया भर में जल संकट पैदा हो गया है, जिससे निपटने के लिए मलनिस्सारण केंद्रों में आने वाले पानी को शुद्ध करके उसका उपयोग औद्योगिक क्षेत्र में करने का सिलसिला शुरू हो गया है। नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) ने भी उक्त प्रणाली को अपनाते हुए केंद्र सरकार की अमृत योजना (Amrit Yojana) के तहत कोपरखैरने और ऐरोली में सी-टेक सिस्टम आधारित मलप्रक्रिया केंद्रों का निर्माण कराया है। जिसमें शुद्ध किए जाने वाले पानी की आपूर्ति ठाणे-बेलापुर एमआईडीसी (Thane-Belapur MIDC) की कंपनियों में किया जाएगा। महानगरपालिका ने इसके लिए एमआईडीसी के साथ समझौता किया है।

     नवी मुंबई महानगरपालिका द्वारा कोपरखैरने और ऐरोली में 20-20 एमएलडी की क्षमता वाले मलप्रक्रिया केंद्र ( टर्शिअरी ट्रिटमेंट प्लांट) का निर्माण कराया है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से आर्थिक सहयोग महानगरपालिका को मिला। इन दोनो प्लांट का निरीक्षण महानगरपालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर द्वारा किया गया। ऐरोली के प्लांट का काम अंतिम चरण में है, जबकि कोपरखैरने के प्लांट में ट्रायल रन शुरू हो गया है। इन दोनों प्लांट को एक माह में शुरू करने का आदेश महानगरपालिका कमिश्नर ने महानगरपालिका के इंजीनियरिंग विभाग को दिया है। इस मौके पर महानगरपालिका के शहर अभियंता संजय देसाई, अतिरिक्त शहर अभियंता मनोज पाटिल, कार्यकारी अभियंता अजय संख्ये और विजय राउत मौजूद थे।

    अंतिम चरण में जल वाहिनी बिछाने का काम

    कोपरखैरने के सेक्टर-14 में बने 20 एमएलडी मलयुक्त पानी को शुद्ध करने वाले अत्याधुनिक प्लांट के पास 1.75 एमएलडी की क्षमता का भूमिगत टैंक का निर्माण कराया गया है। जहां से वाशी और कोपरखैरणे के तहत आने वाले ठाणे-बेलापुर औद्योगिक क्षेत्रों की कंपनियों को पुनप्रक्रियाकृत पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए 53.134 किमी लंबी जलवाहिनी बिछाने का काम किया जा रहा है, जिसमें से 49.30 किमी तक का काम पूरा हो गया है। औद्योगिक समूहों को उक्त पानी की आपूर्ति करने के लिए महानगरपालिका द्वारा महापे, तुर्भे और रबाले में उच्च स्तरीय जलकुंभ का निर्माण किया गया है।

    इन परियोजनाओं से औद्योगिक समूहों को पुनप्रक्रियाकृत पानी की आपूर्ति से न केवल महानगरपालिका के राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में औद्योगिक समूहों में उपयोग किए जाने वाले पेयजल को बचाया जाएगा और जिसे नागरिकों द्वारा उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में औद्योगिक समूहों को 22.50 रुपए प्रति घन मीटर की दर से पानी दिया जा रहा है, जबकि पुनप्रक्रियाकृत पानी 18.50 रुपए प्रति घन मीटर की दर से उपलब्ध होगा। इससे औद्योगिक समूहों को भी फायदा होगा।

    -अभिजीत बांगर, कमिश्नर, नवी मुंबई महानगरपालिका