ठाणे जिले में कोरोना के बाद निमोनिया का प्रकोप बढ़ा, जानें आंकड़े

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    ठाणे : कोरोना (Corona) के प्रकोप के बाद से पिछले दो वर्षों में निमोनिया (Pneumonia) और सांस संबंधी बीमारियों (Diseases) से होने वाली मौतों (Deaths) की संख्या अधिक रही है। आंकड़ों से पता चला है कि 2020-21 में ठाणे जिले में निमोनिया और सांस की बीमारियों से 1091 और 2021-22 में 990 लोगों की मौत हुई। जहां कोरोना वायरस कुछ समय के लिए कम हुआ है, वहीं कोरोना वायरस को लेकर स्थिति फिर से चिंताजनक होती जा रही है। 

    शहर में बढ़ते प्रदूषण और धूल के साथ-साथ वातावरण में हो रहे बदलाव से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बड़े पैमाने पर बढ़ रही हैं। बदलती जलवायु के कारण परागकण, फफूंद कण, धूल बड़ी संख्या में वायुजनित कीटाणुओं का निर्माण करते हैं। इससे श्वसन तंत्र में एलर्जी पैदा हो जाती है और इसके फलस्वरूप दमा, खांसी, जुकाम, निमोनिया जैसी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। निमोनिया बच्चों में अधिक आम है, जबकि बुजुर्ग लोगों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार रोगियों और अस्पतालों में वेंटिलेटर पर रहने वालों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में निमोनिया विकसित होने का खतरा होता है। 

    ठाणे जिले में निमोनिया और सांस की बीमारी के मरीजों के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि कोरोना के बाद इस बीमारी ने सबसे ज्यादा जोर पकड़ा है। 2018-19 में इस बीमारी से 233 मरीजों की मौत हुई, जबकि 2019 से मार्च 2020 तक 295 मरीजों की मौत हुई। लेकिन कोरोना के संक्रमण के बाद निमोनिया और सांस संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं और 2020-21 में 1 हजार 91 और 2021-22 में 990 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर इलाज जरूरी है। 

    निमोनिया के कारण हुई मौतें

    वर्ष – मौत 

    • 2018-19 : 233
    • 2019-20 : 295 
    • 2020-21 : 1091
    • 2021-22 : 990