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    ठाणे : राज्य सरकार (State Government) के बांठिया आयोग द्वारा बनाए गए ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा मंजूरी दिए जाने से जहां ओबीसी समुदाय में खुशी का माहौल है। लेकिन ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) क्षेत्र में सिर्फ 10.04 फीसदी ही आरक्षण मिलने के कारण देखा जा रहा है कि, ठाणे आयोग की सिफारिश के अनुसार, आगामी महानगरपालिका चुनावों में ओबीसी नगरसेवकों (OBC Corporators) की संख्या में 20 से 21 की संख्या घट सकती है। ऐसे में ठाणे में ओबीसी नगरसेवकों की संख्या 36 से घटकर 15 हो जाएगी। बांठिया रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि, ठाणे महानगरपालिका सीमा में ओबीसी समुदाय की आबादी लगभग एक लाख 84 हजार या 10.4 प्रतिशत है। इसलिए आगामी महानगरपालिका चुनाव में इसी आरक्षण को ध्यान में रखकर नगरसेवकों की संख्या तय की जाएगी। 

    गौरतलब है कि  वर्ष 2017 में हुए ठाणे महानगरपालिका चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण के साथ कुल 134 प्रभागों में से 36 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थी। महानगरपालिका के सूत्रों के अनुसार आगामी चुनाव में नए आरक्षण के अनुसार नए त्रिसदस्यीय प्रभाग के अनुसार कुल 142 प्रभागों में से केवल 15 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित होने की संभावना है। 

    142 नगरसेवक चुने जाएंगे

    आपको बता दें कि इस साल महानगरपालिका चुनाव तीन सदस्यीय पैनल प्रणाली से होंगे और 142 नगरसेवक चुने जाएंगे। 50 प्रतिशत आरक्षण के तहत इन महिलाओं के लिए 71 सीटें आरक्षित हैं। कुल सीटों में से 10 सीटें अनुसूचित जाति और 3 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। पहले और दूसरे चरण में महिला अनुसूचित जाति के लिए 5 सीटों और जनजाति के लिए 2 सीटों के लिए आरक्षण किया गया था। चूंकि चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे, इसलिए इस ‘कोटा’ को सामान्य वर्ग में से ही आरक्षण निकाला जाने वाला है। 

    सामान्य श्रेणी में से ओबीसी का आरक्षण 

    142 सीटों में से 71 सीटों पर महिलाओं का चुनाव हो चुका है। सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 64 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 47 सीटों पर सीधे राज्य चुनाव आयोग ने नियुक्ति की थी। शेष 17 सीटों के लिए सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण लॉटरी पद्धति द्वारा चिट्ठी द्वारा निर्धारित किया गया था। क्योंकि एकमात्र प्रभाग क्रमांक 42 चार सदस्यीय प्रभाग है। इसलिए प्रभाग क्रमांक 42 सहित 18 प्रभागों में सामान्य वर्ग से दो नगरसेवक चुने जाएंगे।  जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग सहित 6 प्रभागों में दो नगरसेवक चुने जाएंगे। ऐसे में कुल 142 सीटों में से 13 सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित है। इन सीटों को छोड़कर शेष बचे 129 सीटों में से ही अब 10.04 फीसदी के अनुसार 15 सीटें ओबीसी समाज के लिए आरक्षित किया जा सकता है।