There is no trust in union, organization and committee and now our fight is only for us: ST employees

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    कल्याण : महाराष्ट्र (Maharashtra) के विभिन्न हिस्सों में एसटी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर इस समय हड़ताल पर हैं। विट्ठलवाड़ी एसटी डिपो (Vithalwadi ST Depot) के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए है। हड़ताल की घोषणा करते हुए कर्मचारी रविवार को  डिपो के बाहर प्रदर्शन करने के लिए जमा हो गए और हड़ताल पर बैठ गए हैं।

    एसटी को महाराष्ट्र की जीवन रेखा माना जाता है। हालांकि जो कर्मचारी इस एसटी को महाराष्ट्र के कोने-कोने में ले जाते हैं, उन्हें बेहद दयनीय जीवन जीना पड़ता है।  अब तस्वीर यह है कि इन कर्मचारियों को बहुत कम पैसे देकर काम कराया जा रहा है, लेकिन सरकारी नौकरी और परिवार के भविष्य के लिए वर्तमान कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। कर्मचारी एसटी निगम का राज्य सरकार में विलय की मांग कर रहे हैं। इस स्थिति को लेकर पूरे महाराष्ट्र में कर्मचारी सरकार के खिलाफ हड़ताल पर चले गए हैं।

    मांगे नहीं मानी गई तो हड़ताल जारी रहेगी

    रविवार से विट्ठलवाड़ी एसटी डिपो के 300 कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए है। कर्मचारियों ने एसटी डिपो के बाहर धरना दिया। कार्यकर्ताओं ने भावना व्यक्त की कि हमें किसी भी यूनियन, संगठन और समिति पर भरोसा नहीं है और अब हमारी लड़ाई सिर्फ हमारे लिए है। राज्य सरकार को मांगे पूरी करने की चेतावनी दी गई है  हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हड़ताल जारी रहेगी।

    हड़ताल पर बैठे एसटी कंडक्टर योगेश कदम ने बताया कि नए कर्मचारियों को 12 से 15 हजार पगार मिलती है जिससे आज की कमर तोड़ मंहगाई में परिवार का गुजारा नहीं होता  वह भी 3-चार महीने तक पगार नहीं मिलती जिससे कर्मचारी अभाव में जीते हैं, और राज्य में अबतक तीन दर्जन यानी 36 एसटी कर्मचाती आर्थिक तंगी के चलते अपने परिवार का गुजारा नहीं होने से मजबूर होकर  आत्महत्या कर चुके है। महाराष्ट्र में कुल 250 डिपो है, एसटी निगम के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों  में शामिल करें यह हमारी मुख्य मांग है और जबतक हमारी मांग नही पूरी होगी तब तक  हमारी हड़ताल जारी रहेगी।