Vertical Garden

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    -राजीत यादव

    नवी मुंबई: शहर के कई चौराहों की सुंदरता निखारने के लिए नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation)  द्वारा दीवार खड़ी करके छोटे पौधे (प्लांट्स) का वर्टिकल गार्डन (Vertical Garden) तैयार कराया गया था, जिसके लिए नवी मुंबई महानगरपालिका ने लाखों रुपए खर्च किए थे, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही (Negligence of Contractors) की वजह से नवी मुंबई महानगरपालिका के कई वर्टिकल गार्डन के पौधे सूख गए है, जिसकी वजह से यह योजना पूरी तरह से फेल हो गई है। जिस पर होने वाले खर्च को व्यर्थ में जाने से बचाने के लिए नवी मुंबई महानगरपालिका कमिश्नर ने अब उक्त योजना को बंद करने का निर्णय लिया है। नवी मुंबई महानगरपालिका कमिश्नर के इस फैसले से वर्टिकल गार्डन के नाम पर लूट करने वाले ठेकेदारों को जोर का झटका धीरे से लगा है।

    गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में नवी मुंबई को देश में प्रथम स्थान पर लाने की जोरदार कवायद शुरू की गई थी, जो अब भी जारी है। जिसके लिए महानगरपालिका द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर फ्लेमिंगो की मूर्तियां और चित्र लगाए गए थे। साथ नवी मुंबई को हरा भरा दिखाने के लिए शहर के कई चौराहों पर वर्टिकल गार्डन बनाए गए थे। हरा-भरा चौक देखकर नागरिकों को बड़ा सुकून मिल रहा था। 

    नियमित पानी न डालने के कारण पौधे सूख गए

    वर्टिकल गार्डन में लगे पौधों के गमलों में नियमित रूप से पानी डालने और छिड़कने की जरूरत होती है, जिसकी ओर महानगरपालिका के संबंधित विभाग और ठेकेदार द्वारा लापरवाही की जा रही थी। इस वजह से नवी मुंबई में बनाए गए अधिकांश वर्टिकल गार्डन के पौधे सूख गए और चौक की सुंदरता बदरंग हो गई। इस मामले पर विचार करते हुए नवी मुंबई महानगरपालिका  कमिश्नर राजेश नार्वेकर इस योजना पर रोक लगाने का फैसला किया है। कमिश्नर के इस फैसले से महानगरपालिका के लाखों रुपए बचेंगे। जिसे शहर की स्वच्छता के लिए किए जा रहे अन्य कार्यों पर खर्च किया जाएगा। कमिश्नर के उक्त फैसले का नवी मुंबई के नागरिकों ने स्वागत किया है।

    योजना पर ठीक तरह से नहीं दिया गया ध्यान

    गौरतलब है कोई भी नई योजना जो शुरू में अच्छी लगती हैं, जिस पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसी योजनाएं धूल खाने लगती हैं, या खराब होकर बंद पड़ जाती हैं। नवी मुंबई महानगरपालिका द्वारा शुरू की गई वर्टिकल गार्डन योजना के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। शुरूआती दौर में महानगरपालिका के संबंधित विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा वर्टिकल गार्डन पर विशेष तौर से ध्यान दिया जा रहा था, लेकिन बाद में उसकी ओर अनदेखी करने का सिलसिला शुरू हो गया, जिसकी वजह से इस योजना ने दम तोड़ दिया। नागरिकों का कहना है कि हर साल महानगरपालिका प्रशासन द्वारा नए साल, नए स्वच्छ सर्वेक्षण और नए खर्च पर ध्यान ज्यादा केंद्रित होता है, जिसकी वजह से पुरानी योजनाओं पर कम ध्यान दिया जाता है। इस वजह से पूरानी योजनाओं पर हुआ खर्च व्यर्थ हो जाता हैं।

    महानगरपालिका अधिकारी ठेकेदार पर मेहरबान

    मौजूदा समय में भी नवी मुंबई में स्वच्छ सर्वेक्षण का काम चल रहा है, जिसके तहत शहर की दीवारों का रंग रोगन कर के ऊपर सुंदर चित्र बनाए जा रहे है, वहीं वर्टिकल गार्डन का लेकर अपनी तिजोरी भरने वाले ठेकेदार सूख रहे वर्टिकल गार्डन को हरा-भरा बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। ऐसे ठेकेदार पर महानगरपालिका के संबंधित विभाग के अधिकारी कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं, जिसकी वजह से ठेकेदार द्वारा वर्टिकल गार्डन से संबंधित काम को नजरअंदाज किया जा रहा है।  

    वर्टिकल गार्डन यानी प्लांट वॉल योजना को बंद करने के बारे में महानगरपालिका कमिश्नर ने जो फैसला लिया है, वह स्वागत योग्य है। सवाल यह उठता है कि युक्त वर्टिकल गार्डन (पौधे की दीवारें) वास्तव में किसके लिए बनाई गई थीं? सौंदर्यीकरण और पर्यावरण में सुधार के लिए या ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए? पौधों को जीवित रखना नहीं आता हैं, तो पैसे के लिए पौधों को मारने का काम भी मत करो। महानगरपालिका कमिश्नर इस पैसे का इस्तेमाल शहर की जरूरतों के लिए करें, लेकिन अगर पेड़ों को नहीं बचाया जा सकता है तो ऐसी कोई नई योजना उन्हें नहीं लानी चाहिए जो पेड़ों के जीवन से खिलवाड़ करें।

    -बी.एन. कुमार, पर्यावरण कार्यकर्ता नेट कनेक्ट फाउंडेशन, नवी मुंबई