Bhivandi Markets

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भिवंडी: भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन (Bhiwandi Municipal Administration) द्वारा शिवाजी चौक (Shivaji Chowk) के समीप भावे कंपाउंड स्थित 2010 में करीब ढाई करोड़ रुपए की लागत से स्वर्गीय सविता भावे जगताप नामक मार्केट (Savita Bhave Jagtap Market) में निर्मित 148 दुकानें गंदगी और नशाखोरों की शरण स्थली बनी हुई हैं। शहर के लोगों का आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मनमानी और महानगरपालिका प्रशासन की निरंकुश कार्यप्रणाली की वजह से वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भी दुकानों का अलाटमेंट सब्जी दुकानदारों को नहीं किया जा सका हैं। करोड़ों रुपए खर्च कर 12 वर्षों से निर्मित मार्केट गुजरते समय के साथ खंडहर होने लगी हैं। शहर के नागरिकों ने महानगरपालिका प्रशासन से दुकानों के त्वरित आवंटन (Allotment) के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है।

गौरतलब है कि तीन बत्ती सब्जी, भाजी मार्केट परिसर में लोगों की भारी भीड़भाड़ को कम करने के लिए 2006 में तत्कालीन महासभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर महानगरपालिका प्रशासन को भावे कंपाउंड के नाले पर दुकानें बनाने की मंजूरी दी थी। महासभा के मंजूरी के उपरांत महानगरपालिका प्रशासन द्वारा टेंडर निकालकर ठेकेदार सुंदर कंस्ट्रक्शन को भावे कंपाउंड स्थित नाले पर 148 दुकाने बनाने का ठेका दिया था। 148 दुकानों के निर्माण की खातिर 2010 में करीब ढाई करोड़ रुपए का भुगतान मनपा प्रशासन द्वारा दुकानों के निर्माण के उपरांत ठेकेदार सुंदर कंस्ट्रक्शन को किया गया था। 

नहीं हुआ दुकानदारों को दुकान का आवंटन

Bhivandi Markets.

भावे कंपाउंड में स्वर्गीय सविता भावे जगताप मार्केट में 148 दुकानों के निर्माण से तीन बत्ती परिसर में सब्जी भाजी का धंधा कर रहे लोगों में आस जगी थी कि उन्हें महानगरपालिका द्वारा निर्मित दुकानें भाड़े से आवंटित की जाएंगी। आश्चर्यजनक है कि 2010 में निर्मित 148 दुकानों को 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी महानगरपालिका प्रशासन दुकानदारों को एलॉटमेंट करने में अक्षम रहा है।मनपा प्रशासन के लापरवाह रवैये की बदौलत शहर के अति व्यस्त मार्केट तीन बत्ती, मंडई परिसर में भारी गंदगी और ट्रैफिक जाम समस्या से नित्य लोगों को जूझना पड़ रहा है। शहरवासियों को उम्मीद थी कि सविता मार्केट निर्माण के उपरांत सब्जी, भाजी दुकानदारों का भावे कंपाउंड स्थित सविता मार्केट में ट्रांसफर होने से तीन बत्ती,मंडई परिसर साफ सुथरा और ट्रैफिक फ्री हो जाएगा जो सिर्फ सपना साबित हुआ है।

नाले पर निर्मित दुकानों से खतरा संभावित

स्थानीय लोगों की मानें तो भावे कंपाउंड के नाले पर निर्मित 148 दुकाने जनप्रतिनिधियों और महानगरपालिका प्रशासन की अनुभवहीनता का दुष्परिणाम है। 

 दुकानें खंडहर में तब्दील होने को तैयार 

महानगरपालिका प्रशासन के गलत फैसले की वजह से करीब 12 वर्षों से ढाई करोड़ रुपए की दुकानें खंडहर में तब्दील होने को तैयार है। नाली पर स्लैब डालकर बनाई गई दुकानों से लोगों को जान का खतरा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। नाले से निकलती दुर्गंध की वजह से दुकानदार बैठकर सब्जी भाजी विक्री नहीं कर सकते हैं। सब्जी भाजी मार्केट निर्माण करने के पूर्व भी स्थानीय नागरिकों और सब्जी भाजी दुकानदारों ने भावे कंपाउंड में निर्मित दुकानों में जाने से लगभग इनकार कर दिया था। आश्चर्य है कि तत्कालीन महासभा द्वारा ऐसे गलत काम की मंजूरी कैसे दी गई? महासभा की मंजूरी के बाद भी महानगरपालिका प्रशासन ने सही गलत का निर्णय लेकर कार्य क्यों नहीं किया? महानगरपालिका अगर चाहता तो महासभा के निर्णय पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर नागरिकों की गाढ़ी कमाई से दिया गया टैक्स का ढाई करोड़ रुपए को बर्बाद होने से बचा सकता था।

महानगरपालिका कमिश्नर विजय कुमार म्हसाल के निर्देशानुसार सविता जगताप मार्केट में बनी सभी दुकानों के आवंटन को लेकर महानगरपालिका प्रशासन बेहद गंभीर है। तीन बत्ती क्षेत्र में बैठने वाले सभी सब्जी विक्रेताओं का सर्वे किया गया है। जल्द ही भावे मार्केट में दुकानों का आवंटन किया जाएगा। तीन बत्ती क्षेत्र से सब्जी की दुकानें हटने से क्षेत्र खूबसूरत हो जाएगा। महानगरपालिका प्रशासन का आदेश नहीं मानने वाले सब्जी विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- दीपक झिंझाड़, उपायुक्त, भिवंडी महानगरपालिका