Photo: @ANI Twitter
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    मुंबई:  पश्चिम एशियाई आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS)  की विचाराधारा को बढ़ावा देने के दोषी पाये गये मुंबई (Mumbai) के दो निवासियों को शुक्रवार को यहां की एक विशेष एनआईए अदालत (NIA Court)ने आठ साल कारावास की सजा सुनाई। मोहसिन सैयद (32) और रिजवान अहमद (25) ने आईएसआईएस में शामिल होने और युवाओं को प्रभावित करने का प्रयास करने के आरोपों को कबूल किया था।

    विशेष न्यायाधीश ए टी वानखेड़े ने इस सप्ताह की शुरुआत में उन्हें विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम के तहत षड्यंत्र रचने तथा एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का सदस्य होने या उसका समर्थन करने का दोषी ठहराया था। उन्हें भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक षड्यंत्र का दोषी भी ठहराया गया। 

    अदालत ने शुक्रवार को उन्हें आठ साल कारावास की सजा सुनाई और सभी पर 35-35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। उसने कहा कि दोनों ने 2016 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में जो समय काटा है, उसे उनकी सजा में समायोजित किया जाएगा।

    सैयद और अहमद अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं और उन्होंने पिछले महीने विशेष अदालत का रुख कर अपना गुनाह कबूल किया था। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुसार मुंबई के मालवानी इलाके के चार युवक इन दोनों दोषियों के बहकावे में आकर घर छोड़कर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल होने चले गये थे।