Shinde vs Uddhav

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    मुंबई/ नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका दिया है। आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और पार्टी का धनुष बाण चुनाव चिन्ह दिया है। बताया जा रहा है कि, चुनाव आयोग ने यह फैसला बहुमत के आधार पर दिया है। ठाकरे गुट के नेताओं ने कहा है कि इस फैसले के बाद हम चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इस फैसले को लेकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।

    प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा, “बड़ा सवाल यह है कि क्या शुरू किया जाए और क्या कहा जाए। लोकतंत्र के लिहाज से चुनाव आयोग का यह फैसला बेहद खतरनाक है। मैं कहूंगा कि दुर्भाग्य से, जब हमारे देश की आजादी का अमृतोत्सव चल रहा है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले पर यह घोषणा करने में कोई दिक्कत नहीं है कि आजादी के 75 साल पूरे हो गए। हमने बेबंदशाही शुरू की है।”

    ‘आज का फैसला अप्रत्याशित’

    ठाकरे ने आगे कहा, “पिछले कुछ दिनों से, केंद्रीय मंत्री इस बारे में बात कर रहे हैं कि न्याय प्रणाली हमारे दबाव में कैसे आएगी। वे न्यायाधीशों को नियुक्त करने की शक्ति भी चाहते हैं। देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। आज का फैसला बहुत ही अप्रत्याशित है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट में करीब छह महीने से लड़ाई चल रही है।  इस संबंध में 21 तारीख से लगातार सुनवाई शुरू होगी।”

    उद्धव ठाकरे ने कहा कि, “मैंने कहा था कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक चुनाव आयोग को कोई फैसला नहीं देना चाहिए। पार्टी किसके साथ है? कौन सही है यह अगर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की संख्या के आधार पर ही तय हो जाता है तो कोई भी धनी व्यक्ति सांसदों और विधायकों को खरीद कर पार्टी का नेता बन सकता है। मैंने यह पहले भी कहा है, कि वह देश के प्रधान मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।”

    चोर तो चोर होता है

    उद्धव ठाकरे ने कहा कि, ” प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल किया गया एक अदालती मामला शुरू किया गया है। उन्होने कहा, जैसी न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया है, वैसे ही चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया होनी चाहिए ऐसा लग रहा है। चोर को राजकीय मान्यता देना गौरवास्पद  लग सकता है। लेकिन चोर तो चोर होता है।

    निर्वाचन आयोग के फैसले को उच्चतम न्यायालय में देंगे चुनौती 

    उन्होंने कहा, ‘‘हम एकनाथ शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे।”  उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का फैसला लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। ठाकरे ने कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले से संकेत मिलता है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव जल्द ही घोषित किए जाएंगे। 

    वे किसी भी कीमत पर मुंबई नगर निगम को जीतना चाहते हैं

    उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और शिंदे समूह पर हमला बोलते हुए यह भी कहा कि, “आज, हमारे बीच का मिंधे समूह और भाजपा दयनीय हो गए हैं। वे खुद से लड़ने की हिम्मत नहीं करते। मैंने कई बार चुनाव कराने की बात कही है। लेकिन जिस तरह से धनुषबाण और शिवसेना ने मिंधे गुट को बाजी मारी है, उसके हिसाब से अगले एक-दो महीने में नगर निकाय चुनाव की घोषणा हो सकती है। वे किसी भी कीमत पर मुंबई नगर निगम को जीतना चाहते हैं।”