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    वर्धा. पिछले पांच माह से जिले के एसटी कर्मचारी हड़ताल पर है़ं ऐसे में 31 मार्च तक कर्मियों को काम पर लौटने का अंतिम मौका सरकार ने दिया था़ फलस्वरुप जिले में पुन: 20 कर्मचारी अपने काम पर लौटे है़ं सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी आज सैकड़ों कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हुए है़.

    बता दें कि, 28 अक्टूबर 2021 से जिले में एसटी की हड़ताल शुरू है. इस दौरान वेतन से जुड़ी मांगों को लेकर सरकार ने सहमति भी दर्शायी़  परंतु एसटी कर्मचारी रापनि का राज्य सरकार में विलय की मांग पर अड़े हैं. इस बीच एसटी कर्मियों की संगठन में दो गुट भी उभरकर सामने आये.

    सरकार के आह्वान के बाद एक गुट ने आंदोलन पीछे लेने का निर्णय लिया़ जबकि दूसरा गुट आज भी हड़ताल पर डटा हुआ है़  ऐसे में सरकार ने अनेक पर निलंबन की कार्रवाई की़  बार-बार कर्मियों को बिना किसी कार्रवाई के काम पर लौटने का मौका दिया़  बावजूद इसके जिले के एसटी कर्मचारी टस से मस नहीं हुए. 

    4 माह में 120 कर्मी काम पर लौटे

    पिछले चार माह में केवल 120 कर्मचारी काम पर लौटे है़ं जबकि आज भी असंख्य कर्मी काम पर नहीं पहुंचे है़ं इस बीच रापनि ने ठेका पध्दति से करीब 50 कर्मियों को काम पर लिया है़ राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार व परिवहन मंत्री अनिल परब ने सभी कर्मियों को 31 मार्च तक काम पर लौटने का आह्वान किया़ जो कर्मी काम पर लौटेंगे, उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाएगी, ऐसा भी बताया गया था.

    वहीं जो कर्मचारी काम पर नहीं आएंगे, उनके विरुध्द सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी गई थी़ ऐसे में जिले में 31 मार्च तक करीब 20 कर्मी काम पर लौटने की जानकारी विभागीय नियंत्रणक चेतन हसबनीस ने दी़  जो कर्मी काम पर नहीं लौटे, उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाता है, यह देखना महत्वपूर्ण माना जा रहा़ 1 अप्रैल से हड़ताली कर्मी क्या कदम उठाते हैं, इस ओर सभी की नजरें टिकी है़.