Prerna Deshbhratar, Wardha Collector

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    वर्धा. सरकार की ओर से बेरोजगार युवाओं को स्वयंरोजगार प्रदान करने के लिए कौशल्य विकास कार्यक्रम लागू किया जाता है़ कार्यक्रम के अनुसार जिले की कौशल्य विकास योजना तैयार करके 2 हजार युवाओं को स्वयंरोजगार का प्रशिक्षण दिया जाएगा़ जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने इस योजना का जायजा लेते हुए अधिक से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए.

    बैठक में जिला योजना अधिकारी राजीव निवतकर, जिला कौशल्य विकास रोजगार एवं उद्यमिता मार्गदर्शन केंद्र के सहायक निदेशक भैया येरमे, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी प्रशांत विधाते, कारागृह अधीक्षक एसआर पवार, अन्नासाहब पाटिल आर्थिक विकास निगम के जिला समन्वयक सागर आंबेकर, एमआईडीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण हिवारे, मंगेश चांदुरकर उपस्थित थे. 

    प्रशिक्षण में 6 प्रकार की सेवाएं की गई शामिल

    कौशल विकास कार्यक्रम के तहत पांच सेक्टरों में छह तरह का सेवा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन सेवाओं में कम्पूटर रिपेयर, डेटा एंट्री आपरेटर, टेलरिंग वर्क, सेल्स बिजनेस, सोशल मीडिया एक्जीक्यूटिव, सर्च इंजन मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव का प्रशिक्षण शामिल है़ यह प्रशिक्षण जिले के दो हजार युवाओं को दिया जाएगा़ प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए एक कौशल विकास योजना तैयार की गई हैं और प्रत्येक प्रशिक्षु को 750 रुपये का मानधन दिया जाएगा़ जिले की कौशल विकास योजना 3 करोड़ 62 लाख की है़  इसमें प्रशिक्षण संस्थानों से मिलने वाला फंड भी शामिल है. 

    मुख्यमंत्री महा स्वास्थ्य कौशल कार्यक्रम

    कोरोना काल में स्वास्थ्य की देखभाल के लिए बड़ी संख्या में कुशल जनशक्ति की आवश्यकता थी़  इस जनशक्ति को उपलब्ध कराने मुख्यमंत्री महा स्वास्थ्य कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है़  इसके तहत 300 अभ्यार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है़  इनमें से 80 अभ्यार्थियों को आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल सवांगी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि 20 अभ्यार्थियों को जिले के 12 सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री कौशल्य विकास योजना के तहत कोविड विशेष स्वास्थ्य देखभाल प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है और 450 युवाओं को स्वास्थ्य देखभाल प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

    कारागृह में बंदियों को प्रशिक्षण

    जिला कारागृह में बंदियों को स्वयंरोजगार की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला कारागृह एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम क्रियान्वित किये जाने चाहिए़  ताकि जेल से छूटने के बाद उन्हें रोजगार मिल सके़  जिलाधिकारी ने इस प्रशिक्षण को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिये. उन्होंने जिले के समस्त कौशल विकास कार्यक्रम की समीक्षा की.