आर्वी. कदम अस्पताल में घटित गर्भपात प्रकरण अब तूल पकड़ने लगा है. उक्त गंभीर मामले की विस्तृत जांच करके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग तेज हो गई है. एक ओर गर्भपात मामले में सरकार ने अनेक नियम व कानून बनाये है. परंतु इन नियमों को नजरअंदाज करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग तेज हो गई है.
अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई
कदम अस्पताल में बीते 40 वर्ष से गर्भपात किया जा रहा है. परंतु, अब तक स्वास्थ्य विभाग चुप क्यों था. नाबालिग बालिका के गर्भपात के बाद कार्रवाई आरंभ की गई है. अवैध रूप से गर्भपात करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. प्रकरण को अलग मोड देने का प्रयास किया जा रहा है. पुलिस व स्वस्थ्य विभाग ने सही दिशा में जांच करना आवश्यक है.
-बाला जगताप, अध्यक्ष-प्रहार संगठन.
सीएस व वैद्यकीय अधीक्षक को निलंबित करना चाहिए
कदम अस्पताल में सरकारी अस्पताल की मेडिसीन मिली है. नीरज कदम सरकारी अस्पताल में सेवा देने के कारण उनके पास यह मेडिसीन पहुंची है. जिला शल्य चिकित्सक सचिन तड़स व वैद्यकीय अधीक्षक सुटे की इस मामले में मिलीभगत होने के कारण उन्हें निलंबित कर प्रकरण की विस्तृत जांच होनी चाहिए.
-मेघराज डोंगरे, पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी.
स्वास्थ्य सेवा को शर्मसार करने वाली घटना
मात्र पैसा कमाने के उद्देश्य से कदम अस्पताल में गर्भपात किया जाता था. स्वास्थ्य सेवा को शर्मसार करने वाली यह बात है. अस्पताल के एक के बाद रहस्य बाहर आ रहे हैं. इस मामले के दोषी व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई किया जाना आवश्यक है.
-मनीष उभाड, भाजपा किसान मोर्चा.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी दोषी
कदम अस्पताल में बीते अनेक वर्ष से गर्भपात शुरू था. उनकी सास भी गर्भपात के आपरेशन करती थी. फिर भी स्वास्थ्य विभाग का ध्यान नहीं गया. कोई रोकटोक नहीं होने के कारण यह कार्य चल रहा था. इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी दोषी है. सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
-विजय वाघमारे, उपाध्यक्ष-मनसे.