बाल विवाह में शामिल होने वालों के खिलाफ करे कार्रवाई, महिला आयोग की अध्यक्ष चाकणकर ने दिए आदेश

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वर्धा. बाल विवाह समाज को लगी हुई दीमक है. बाल विवाह कानून की नजर में अपराध होने के बावजूद विवाह होते है. ऐसे बाल विवाह रोकने का काम महिला व बालविकास विभाग व पुलिस का है. बाल विवाह की जानकारी लेकर विवाह में शामिल होने वाले हर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के  आदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणनकर ने दिये. गुरुवार को चाकणकर ने महिलाओं के लिये चलायी जा रही योजनाओं के संदर्भ में समीक्षा बैठक ली.

राज्य में महिलाओं के कल्याण के लिये सर्वसमावेशक महिला नीति बनाई गई है. नीति के अनुसार महिलाओं के सक्षमीकरण के लिये अनेक योजनाए शामिल की गई. उसके अनुसार महिलायों को सुविधा मिलने के साथ उन्हें सभी क्षेत्र में आगे जाने के अवसर मिलना चाहिए. इसके लिये सभी विभागों ने प्रयास करना चाहिए.

विकास भवन में महिलाओं के चलाई जा रही योजना, उपक्रमों की विभाग स्तर पर समीक्षा की. बैठक को आयोग की सदस्य आभा पांडे, जिलाधिकारी राहुल कर्डिले, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे, पुलिस अधीक्षक नूरूल हसन, जिला विधिसेवा प्राधिकरण के सचिव विवेक देशमुख, निवासी उपजिलाधिकारी अर्चना मोरे, महिला व बालविकास विभागीय उपायुक्त अपर्णा कोल्हे, जिला महिला व बालविकास अधिकारी प्रशांत विधाते उपस्थित थे. 

आस्थापनों को समितियां गठित करने के निर्देश

महिला व बालविकास विभाग, स्वास्थ्य, मजदूर, शिक्षा, पुलिस, कौशल्य विकास, परिवहन आदि विभागों की जानकारी ली. सरकारी, अर्ध सरकारी, निजी आस्थापना के अंतर्गत शिकायत निवारण समिति आवश्यक होने की बात कही. जिन आस्थापनों ने समितियां स्थापित नहीं की उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये. आने वाले दिनों में समितियां गठित करके आयोग को प्रारूप प्रस्तुत करने के निर्देश दिये. तुलसी विवाह व अक्षय तृतीया पर बाल विवाह होते हैं. इस पर उपाय योजना करने के निर्देश दिए. 

गर्भपात रोकने के लिये विशेष मुहिम चलाकर दोषियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिये. वर्धा जिले में महिलाओं के लिये सरकारी छात्रावास नहीं है. छात्रावास के संदर्भ में प्रस्ताव भेजा जाए. बस स्थानक के शौचालय उपयोग के लिये विना मूल्य है. किंतु महिलाओं से पैसे लिये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है. जांच करके संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए.