Amar Kale Meets Sharad Pawar

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वर्धा. महाविकास आघाडी की तिकट को लेकर नया पेंच निर्माण हुआ है. शरद पवार वर्धा सिट पर अडने के कारण कांग्रेस के पुर्व विधायक अमर काले के सामने पया पेंच निर्माण हुआ है.जिससे कांग्रेस नेता भी सहमें हुए है.

वर्धा लोकसभा की सिट आजतक कांग्रेस के कोटे में रही है. परंतु इस बार सिट पर राकां शरद पवार गुट ने दावा किया है. पवार के आदेश पर पूर्व मंत्री हर्षवर्धन देशमुख ने प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी थी. किंतु राकां के एक गुट ने देशमुख की उम्मीदवारी को लेकर सवाल उठाते हुए अपना दावा प्रस्ततु किया. तत्पश्चात कांग्रेस के स्थानिय नेता भी कांग्रेस के पास सिट रहे इस दृष्टी से प्रयास में लगे थे. पहले कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के लिये अमर काले तैयार नहीं थे.

मात्र सिट राकां के कोटे में जाने के बाद अमर काले ने कांग्रेस की सिट पर लडने के लिये रजामंदी दी थी. परंतु शरद पवार वर्धा की सिट से अपना दावा छोडने के लिये तैयार नहीं है. इस संदर्भ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ स्वंय अमर काले ने शरद पवार व राकां के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल से चर्चा कर वें लडने के लिए तैयार है, परंतु सिट कांग्रेस के लिये छोडी जाये असा आग्रह किया. राकां के पास विदर्भ में नहीं रहेगी सिट राकां शरद पवार गुट के कोटे में विदर्भ की एकमात्र सिट आयी है. 

भंडारा-गोंदिया सिट पर पहले ही पवार गुट अपना दावा छोड चुका है. बुलढाणा का भी ऐसा ही हाल है. ऐसे बिकट परिस्थिति में विदर्भ में अपना वजुद बचाने के लिये राकां वर्धा की सिट से दावा छोडने को तैयार नहीं है. राकां यह दावा छोड देती हैं तो उसके पास विदर्भ में एक भी सिट नहीं होगी.

काले को राकां के चुनाव चिन्ह पर लडने का न्यौता शरद पवार सिट छोडने को तैयार नहीं है. परंतु उन्होंने अमर काले को कांग्रेस की जगह राकां के चुनाव चिन्ह पर लडने का आग्रह किया है. राकां का चुनाव चिन्ह नया होने तथा 6 माह बाद विधानसभा चुनाव होने के कारण दो पार्टियों की नाव पर सवार होने के लिये अमर काले फिलहाल तैयार नहीं है.

राकां व कांग्रेस के पास सिट को लेकर नया पेंच निर्माण होने के कारण नितेश कराले का नाम भी चर्चा में आने लगा है.परंतु कराले तगडे प्रत्याशी नहीं होने के कारण उन्हें चुनाव लडना आने भाजपा को यह सिट दान में देने जैसी बात है,ऐसा दोनों पार्टियों के नेताओं का कहना है. इस घटनाक्रम के चलते वर्धा सिट को लेकर क्या फैसला होता है व महाविकास आघाडी से कौन प्रत्याशी बनता है, इस और सभी की निगाहे लग गई है.