Fraud
प्रतीकात्मक तस्वीर

Loading

वर्धा. 2.64 करोड़ गबन के प्रकरण में तत्कालीन उपजिलाधिकारी स्वाती सूर्यवंशी की मुश्किल बढ़ते जा रही है. जांच में एक-एक कर कई चौकानेवाली बाते सामने आ रही है. अनेकों के बयान लिए जा रहे है़ं इसमें पांच खाताधारकों ने बताया कि, उनके नाम से बैंक में कब खाता खोला गया, उन्हें ही पता नही़ं ऐसी जानकारी पुलिस सूत्रों से मिली.

तानबा नामक व्यक्ति ने बयान दिया कि, संपादित क्षेत्र के लिए मुआवजा पहले ही उठाया था़ वृध्दिगत मुआवजे के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया़ जबकि किसान महिला निधि लि. शाखा वर्धा में कोई खाता नहीं खोला और ना ही कोई दस्तावेज दिए गए, ऐसा तानबा ने अपने बयान में कहा है़ वहीं सुदाम ने मुआवजे के लिए आवेदन न करने की बात कही और ना ही कार्यालय में उपस्थित रहा़ बैंक खाता भी मेरा नहीं है़ संबंधित खाते में जमा 6.38 लाख की राशि मुझे मिली ही नहीं, ऐसा कहा़ विनोद ने बताया कि, मैंने भी कोई आवेदन नहीं किया था़ नाहीं किसान महिला निधि लि. वर्धा शाखा में नया खाता खोलने कोई आवेदन नहीं किया.

खाते में जमा राशि मुझे नहीं मिली. गुलाब ने कहा कि, आदर्श महिला नागरी सह़ पतसंस्था हिंगनघाट में संपादित जमनी का मुआवजा जमा करने के लिए शाखा व्यवस्थाप की ओर नया खाता खोलने के लिए कोई आवेदन नहीं किया था़ उक्त बैंक खाते में जमा 20.56 लाख की राशि से मेरा कोई संबंध नहीं है. कवडू ने कहा कि, लालनाला प्रकल्प के लिए 1996 में मेरी जमीन अधिग्रहित की गई़ इसका मुआवजा पहले ही मिल चुका है.

वृद्धिगत मुआवजे के लिए 29 अप्रैल 2017 को आवेदन किया था़ इसके बाद वृद्धिगत मुआवजे की 6.34 लाख रुपये मंजूर राशि सम्मति अनुसार छोटे भाई निरंजन के नाम से जमा की गई़ परंतु मुआवजा उठाने के लिये भूसंपादन कार्यालय से लिखित पत्र अथवा जरुरी कागजाद के साथ बुलाया नहीं गया़ नए बैंक खाते में कब राशी जमा हुई, इसकी भनक तक नहीं. इसके अलावा अन्य कुछ लोगों के बयानो में भी चौकानेवाली बाते प्रकाश में आयी़ आर्थिक अपराध शाखा पुलिस जांच में जुटी है.