board exam
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    वर्धा: शिक्षा विभाग ने 10 वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तिथि घोषित कर दी है.  परीक्षाएं को केवल ढाई माह का समयावधि शेष है. स्कूल व कॉलेजों में अभी तक 25 से 30 फीसदी का सिलेबस पढ़ाना बाकी है.  क्या इतने कम समय में छात्रों की पढ़ाई और रिवीजन पूरा हो पाएगा?  इसको लेकर छात्रों और अभिभावकों में चिंता जताई व्यक्त की जा रही है.

    कोरोना के कारण  स्कूल  व कॉलेज दो साल के लिए बंद थे. इस शैक्षणिक सत्र में कोरोना का संक्रमन कम होने के कारण पढ़ाई फिर से शुरू हो गई है.  बिते वर्ष व इस वर्ष के कुछ माह तक छात्रों का शैक्षणिक नुकसान बचाने के लिये ऑनलाइन शिक्षा दी गई. ऑनलाइन शिक्षा में तकनिकी बाधां के चलते गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे है. कक्षा में एकाग्रता, पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण बनता है. परंतु घर पर यह वातावरण निर्माण नही होता है.

    अकसर  छात्र स्वेच्छा से ई-लर्निंग में भाग नहीं लेते थे.  ऑनलाइन क्लास में बच्चों की भौतिक उपस्थिति अनेक बार रहती थी. इसलिए ऑनलाइन और ऑफलाइन में पैदा हुए भ्रम के कारण शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर परिणाम हुआ है. अक्टूबर से ऑफलाइन स्कूल व कॉलेज  शुरू हो गए हैं. लेकिन, छात्रों की बौद्धिक क्षमता को तेज करने के लिए शिक्षकों को कड़ी मेहनत करने की जरूरत थी.

    दो वर्ष नही हुई स्कूल व कॉलेज में परीक्षा

    इस साल दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्र आठवीं और नववी में बिना परीक्षा दिए ही अगली क्लास में उच्च कक्षा में आ गए हैं.  इसलिए सातवीं की परीक्षा के बाद इन छात्रों की  सीधी दसवीं की बोर्ड परीक्षा होनेवाली है. इसलिए बोर्ड परीक्षा के पेपर को समय पर पूरा करने के लिए लिखने की गति और कौशल हासिल करना छात्रों को कठीण होगा. अधिकांश स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में 10वीं और 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों में 25 से 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम पढ़ाया जाना बाकी है.  साथ ही 11वीं तक की वार्षिक परीक्षाएं दो साल के लिए रद्द कर दी गईं.  पिछले साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने से छात्रों में परीक्षा का सामना करने की मानसिकता बनाने की जरूरत है. 

    मार्च में शुरू होगी परीक्षा

    हाल ही में शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान किया है.  12वीं की परीक्षा  4 मार्च से 7 अप्रैल, 10वीं  बोर्ड परीक्षा 15 मार्च से 18 अप्रैल तक आयोजित की गई है. जिससे छात्रों के पास कम समय है. इस कम समय में सिल्याबस पुर्ण करने करने के साथ उन्हें लिखने की क्षमता को बढाने के साथ बोर्ड परीक्षा के लिये तैयार होना होगा.

    वही दुसरी और कोरोना की तिसरी लहर की चेतावनी स्वास्थ्य विभाग ने जताई है. ऐसे परिस्थिती में छात्रों का मानसिक मनोबल बढाने की जिम्मेदारी अभिभावकों पर होगी. जिससे इस बार की परीक्षा छात्र व अविभावकों के लिये चुनौती पुर्ण होगी.