वर्धा. दीपावली के त्योहार में बड़े पैमाने पर पटाखों की आतिशबाजी की जाती है़ किंतु, पिछले कुछ वर्षों से पर्यावरणवादी संगठन तथा सरकार की ओर से किए जा रहे निरंतर आह्वान के कारण कम आवाज, कम धुएं वाले पर्यावरणपूरक फैंसी पटाखों की डिमांड बढ़ गई है़ं ऐसे में दूकानदार भी ज्यादातर फैंसी पटाखों का माल ही ला रहे है़ं किंतु, इस वर्ष पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण सभी वस्तुओं पर महंगाई की मार का असर देखा जा रहा है़ इस दीपावली में आतिशबाजी भी महंगी हो गई है़ पिछले वर्ष की तुलना में पटाखों की कीमतों में 30 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है.
पर्यावरणपूरक फैंसी पटाखों की डिमांड
पहले लोग आवाज वाले पटाखे अधिक लेते थे़ इन पटाखों से धुआं भी ज्यादा निकलने से ध्वनि प्रदूषण के साथ ही वायु प्रदूषण भी काफी होता था़ किंतु, पिछले कुछ वर्षों से कम आवाज वाले फैंसी पटाखे खरीदी की ओर नागरिकों का रुझान बढ़ गया है़ ऐसे में बाजार में बटरफ्लाय, पायली, शाट्स के साथ ही मैजिक विप, सायरन कैंडी, तोता, मेरी गो राउंड, म्युजिकल एरियल, कलर चेंजिंग बटरफ्लाई, फूलझड़ी आदि पटाखों की डिमांड मार्केट में बढ़ गई है.
चायना के पटाखे मार्केट से हो गए बाहर
पिछले कुछ वर्षों में चायाना के पटाखों में वृद्धि हो गई थी़ हालांकि इस वर्ष भी चायना के पटाखे मार्केट में है़ किंतु, ज्यादातर लोग मेड इन इंडिया प्रचलित कंपनियों के ही पटाखे खरीदी करते दिखाई दे रहे है़ं इस वर्ष आंध्र प्रदेश की कंपनियों से आने वाले ज्यादातर मेक इन इंडिया पटाखे बाजार में दिखाई दे रहे है़ं इस वर्ष चायना पटाखे मार्केट से बाहर होने की बात पटाखा व्यवसायियों ने कही है.
सुरक्षा व्यवस्था पर प्रशासन की नजर
प्रति वर्ष की तरह न्यू इंग्लिश स्कूल रोड पर पटाखों का मार्केट सज गया है़ रविवार शाम से पटाखा मार्केट में बड़ी संख्या में भीड़ दिखाई दी़ लक्ष्मीपूजन के दिन तक बाजार में भीड़ होने की संभावना जताई जा रही है़ इस दौरान पटाखा मार्केट में सुरक्षा व्यवस्था पर प्रशासन पैनी नजर रखे हुए है़.
पटाखों के दाम में हुई वृद्धि
पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ने के कारण ट्रान्सपोर्टेशन का किराया बढ़ गया है़ इससे पिछले वर्ष की तुलना में पटाखों के रेट में वृद्धि हुई है़ नागरिक कम आवाज वाले फैंसी पटाखे मार्केट से खरीदी करते दिखाई दे रहे है़.
-इक्राम शेख, पटाखा व्यवसायी.