RTE Admission
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    वर्धा. शिक्षा अधिकार कानून अंतर्गत आरटीई 25 प्रश सीटों का अनुदान पिछले चार वर्षों से सरकार की ओर बकाया है़ उक्त राशि एकसाथ दी जाने की मांग के लिये अंग्रेजी माध्यम के संस्था संचालकों के संगठन मेस्टा ने 23 दिसंबर को नागपुर विधिमंडल पर मोर्चा का आयोजन किया है़ आरटीई कानून अंतर्गत सामाजिक व आर्थिक दुर्बल घटक के बच्चों के लिये 25 प्रश सीटें आरक्षित रखी जाती है़  छह से चौदह आयु गुट यानी कक्षा 1 से 8वीं तक आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है़ इन बालकों का चयन शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है़  ड्रा के जरिये चयनित विद्यार्थियों को स्कूलो में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है.

    25 प्रश बालकों के शैक्षणिक शुल्क की प्रतिपूर्ति उसी शैक्षणिक चरण में सरकार द्वारा अदा की जायेगी, ऐसी व्यवस्था आरटीई कानून में की गई है़ केवल पिछले चार वर्षों से उक्त अनुदान शैक्षणिक संस्थाओं को नहीं मिला है़ केंद्र सरकार का प्रतिपूर्ति का अनुमान प्रति विद्यार्थी 35 हजार रुपये होते हुए महाराष्ट्र सरकार मात्र संबंधित स्कूल के शैक्षणिक शुल्क अथवा अधिक से अधिक 17 हजार रुपये तक ही अनुदान अदा कर रहा है़ केंद्र सरकार ने नियमित दिये प्रतिपूर्ति का हिस्सा भी महाराष्ट्र सरकार सभी शिक्षा अभियान व अन्यत्र वर्ग कर अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों की अधिकारी प्रतिपूर्ति की राशि प्रलंबित रखी है.

    8,000 रु. प्रतिपूर्ति का अनुपात रद्द करें

    कोविड के काल में आठ हजार रुपये प्रतिपूर्ति का अनुपात रद्द कर इसे पूर्ववत किया जाये़  शुरु वर्ष की प्रतिपूर्ती यह केंद्र सरकार ने तय की 35 हजार प्रति विद्यार्थी के मूल्य से अदा करे़ं  बिना टीसी स्कूल प्रवेश का निर्णय रद्द करे़ं अंग्रेजी स्कूलों को स्वतंत्र संरक्षण कानून लागू करें आदि मांगों के लिये 23 दिसंबर को मोर्चा निकाला जाएगा. मांगें मान्य नहीं की गई तो आगामी वर्ष से आरटीई के 25 प्रश प्रवेश को रोक दिया जायेगा़  ऐसी चेतावनी मेस्टा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष डा़ संजय तायडे पाटील, राज्य अध्यक्ष नामदेव दलवी, नागपुर विभागीय अध्यक्ष डा़ मोहन राईकवार, अतुल रुईकर, विजय सत्यम, आय आर आझमी, प्रशांत कांडलकर, रेणुका चोरे, संदीप सरोदे, पंकज चोरे, विलास भगत, विलास देशमुख, मंगला भगत, राजेश बढीये, अरविंद लोखंडे, किशोर किनकर, चेतना सवाई ने दिया है.