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    सेलू (सं). बारिश के इस मौसम में विभिन्न संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है़ अधिकतर मरीजों में बुखार, सर्दी, खांसी आदि लक्षण दिखाई दे रहे है़ स्थानीय ग्रामीण अस्पताल समेत निजी डाक्टरों के पास इन दिनों मरीजों की भीड़ हो रही है़ बारिश का मौसम आने पर अनेक तरह की बीमारी आती है़, फिलहाल कोरोना का संक्रमण कम हो गया है़  मरीजों में डायरिया, कॉलरा, सर्दी, खांसी, पीलिया, गैस्ट्रो, मलेरिया, डेंगू सदृष्य लक्षण पाए जा रहे है. 

    मरीजों में बुखार, सर्दी, खांसी के मिल रहे लक्षण

    बुखार, सर्दी, खांसी रहने पर तुरंत अस्पताल में जाकर इलाज करना चाहिए़ बारिश के मौसम में बीमारियों से अपनी पाचनक्रिया कम होती है. तथा रोगप्रतिकारक शक्ति कम होने से संक्रमण होता है़ बारिश में कई बार संक्रमणजन्य बीमारी समेत त्वचारोग, फंगल इन्फेक्शन, मुरूम और सोरायसिस जैसी बीमारी हो सकती है़  डेंगु, मलेरिया स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी शहर व ग्रामीण क्षेत्र में दिखाई देती है़ मच्छरों का प्रकोप बरसात में अधिक पैमाने में होने से मलेरिया होने का खतरा है.  

    घर परिसर की नियमित रूप से करें स्वच्छता

    यह मौसमी बीमारियां टालने के लिए घर परिसर साफ रखना महत्वपूर्ण है़ बारिश की बीमारी टालने के लिए अच्छा आहार लेकर अपनी रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाना काफी आवश्यक होता है़ इस वर्ष बारिश भी कम पैमाने में हुई है़ कभी बारिश, तो कभी बदरीला मौसम जैसे वातावरण से स्वास्थ्य की समस्या अधिक बढ़ रहा है़ इससे अनेक अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ चुकी है.  

    बारिश के मौसम में स्वास्थ्य का रखें ध्यान

    बारिश के मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है़ इसके चलते पीने का पानी उबालकर व ठंडा करके पीए़  रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने वाले पदार्थ का सेवन करें. आहार में गाजर, हल्दी, लहसून, अदरक का समावेश करे. कोरोना की दूसरी लहर कम होने के बावजूद इक्का दुक्का मरीज प्रतिदिन मिल रहे है़  डेल्टा प्लस वेरियंट का खतरा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जताया गया है़  इससे मास्क, सैनिटाइजर व सोशल डिस्टसिंग का पालन करना जरूरी है़  सर्दी, खांसी, बुखार, ठंड ऐे लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टरों की सलाह से उपचार लेना जरूरी है.