मसला: गर्भपात मामले की निष्पक्ष जांच की जाये

  • PCPNDT कमेटी की सदस्य डा़ मिरगे ने औषधि पर उठाया सवाल

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वर्धा. महाराष्ट्र राज्य पीसीपीएनडीटी कमेटी की अशासकीय सदस्य डा़  आशा मिरगे ने पत्र परिषद में कहा कि आर्वी के कदम अस्पताल में सामने आये गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए़ इस संबंध में जांच अधिकारियों से विस्तृत जायजा लिया जाएगा़ गर्भपात के लिए उपयोग में लाया मिजोप्रॉस ड्रग कहां से मिला यह अहम प्रश्न है़ क्योंकि इसकी सरकारी अस्पताल से आपूर्ति होती है़ ऐसे में विभाग भी उतना ही दोषी है़ पिछले कुछ महीनों में जिला समिति ने कितने सोनोग्राफी व गर्भपात केंद्रों की नियमित जांच सहित अनय संबंधित सवालों के जवाब तलाशने पर हमारा जोर रहेगा़ इसकी संपूर्ण रिपोर्ट गृहमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को दी जाएगी. 

अस्पताल से रिकार्ड गायब, खामियां उजागर 

गर्भलिंग जांच विरोधी कानून के तहत समिति का गठन शहरी व ग्रामीणस्तर पर है. इस प्रकरण के बारे में स्थानीय कमेटी सदस्यों से जानकारी मांगी जा रही है़  जिले में कहां, कितने गर्भपात व सोनोग्राफी केंद्र है, उनकी हर तीन माह बाद जांच करने का काम कमेटी का है. जिले में इस ओर अनदेखी सामने आयी है़  कमेटी के पदसिध्द अध्यक्ष व सचिव को प्रकरण गंभीरता से लेना चाहिए था. पीड़िता नाबालिग होने पर गर्भपात करने से पहले इसकी जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी गई़  नाबालिग का गर्भपात करना जुर्म है़  इसके लिए डा़ रेखा कदम व अन्य लोग पूर्णत: जिम्मेदार है़  अस्पताल के चेम्बर में शिशुओं की खोपड़ियां व शरीर की 54 हड्डियां मिली, इसका मतलब उक्त नवजात 14 सप्ताह का था. डा़ कदम के पास 12 सप्ताह के अर्भक के गर्भपात की अनुमति है़  अस्पताल का रिकार्ड गायब है, इसमें अनेक खामियां उजागर हुई है. 

पीड़ित परिवार और जांच अधिकारी से मिलेंगे 

गर्भपात के समय दो तज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति अनिवार्य है़  मिजोप्रॉस ड्रग के उपयोग का पंजीयन जरूरी है़  सरकारी अनुमिति चाहिए़  ऐसे अनेक सवालों के जवाब तलाशने होंगे़  पीसीपीएनडीटी, एमटीपी व पोस्को कानून के तहत डा़ रेखा कदम की डीग्री व केंद्र की मान्यता रद्द होनी चाहिए. सोनोग्राफी केंद्र की मशीन डा़ रेखा व डा़ निरज कदम के नाम पर होने के साथ ही उसके नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था़  कदम के यहां जाने से पहले 2 जनवरी को पीड़िता आर्वी के एक निजी अस्पताल में गई थी़  संबंधित चिकित्सक ने भी वह गर्भवती होने की बात पुलिस को नहीं बताई, इसकी भी जांच होनी चाहिए़  पीड़ित परिवार की भेंट कर जांच अधिकारी से मिलेंगे. 

विस्तृत जांच करने SIT का शीघ्र करें गठन 

इस प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए 4 सदस्यीय स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन शीघ्र करें. इसमें एक चिकित्सक, वकील, पुलिस अधिकारी बाहरी जिले का होना चाहिए, इसकी मांग करेंगे़ प्रकरण में पुलिस की जाचं सही दिशा में चल रही है. 

एबार्शन की नियमानुसार पूरी नहीं की प्रक्रिया

गर्भपात के बाद नियमानुसार डाक्टर को एक फार्म भरना होता है़  अर्भक को पूर्ण प्रक्रिया के बाद ही श्मशान भूमि में दफनाना पड़ता है़  परंतु ऐसा नहीं किया गया़  कदम अस्पताल के चेम्बर में मिले नरकंकाल प्रकरण की उचित दिशा में कार्रवाई के लिए वरिष्ठों से मांग करेंगे. 

स्वास्थ्य विभाग भी घटन के लिए जिम्मेदार

इस प्रकार का गोरखधंदा कदम अस्पताल में चल रहा था़  परंतु इसकी भनक तक स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को न होना, यह गंभीर बात है़  सीएस के कामकाज का जायजा लेकर इसकी शिकायत राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से की जाएंगी.