वन विभाग के कार्यालय पर दस्तक, ग्रामीणों ने सौंपा मांग का ज्ञापन, बाघ की दहशत बरकरार

  • जरूरी उपाय योजना करने की मांग

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वर्धा. कन्नमवारग्राम व आसपास के परिसर में पिछले कुछ महीनों से बाघ की दहतश बनी हुई है़ वहीं अन्य समस्याएं बरकरार है़ बार बार जिला प्रशासन व वन विभाग को मांग का ज्ञापन सौंपा गया़ परंतु हमेशा अनदेखी की गई़ वनाधिकारी व प्रशासन के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे है. आखिरकार गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार को उवनसंरक्षक कार्यालय में दस्तक दी़ जहां विभिन्न मांगों को लेकर वरिष्ठो अधिकारियों का ध्यान खींचने का प्रयास किया गया़  गत एक वर्ष से कन्नमवारग्राम, नंदोरा परिसर में बाघ के हमले में तीन लोगों ने जान गंवाई है़ वर्तमान में किसान, खेतहहर मजदूर व चरवाहे खेत में नहीं जा पा रहे है़ गोपालक अपने पशु चरने के लिये नहीं भेज रहे़  इससे पशुओं के संवर्धन में दिक्कतें आ रही है.

हिंसक वन्यजीवों से बचाव की गुहार

गत वर्ष सन 2020-21 में मजदूरों को तेंदुपत्ता मौसम में बोनस नहीं मिला़  वन्यजीओं से फसलों के नुकसान का मुआवजा नहीं मिला है़  रबी व खरीफ में फसल बड़ी मात्रा में तबाह हुई़  किसानों को सौर कम्पाउंड के लिये बैटरियां दी जानी थी़ इसका भी वितरण नहीं किया गया़  बाघ की दहशत से किसान खेतों में नहीं जा पा रहे है़ कब बाघ का हमला हो जाये, यह डर बना हुआ है़ वन विभाग हिंसक वन्यजीवों का बंदोबस्त नहीं कर रहा़  इन सभी समस्याओं को लेकर कन्नमवारग्राम के नागरिक उपवनसंरक्षक कार्यालय में पहुंचे थे़  शिवसेना पदाधिकारियों के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा होने की जानकारी है.

कन्नमवारग्राम से नांदोरा मार्ग खस्ताहाल

कम्मनवारग्राम से नांदोरा की ओर जानेवाला डामरी मार्ग की हालत इन दिनों दयनिय बनी हुई है़ मार्ग खराब होने से एसटी बसें नियमित नहीं चलती़  सड़क दुरुस्ती पर ग्रापं में प्रस्ताव भी पास किया गया़ जनप्रतिनिधि व प्रशासन को भी सूचना की गई़ अब तक मार्ग नहीं बन पाया है.

मंडल अधिकारी कार्यालय शोभा की वस्तु

हाल ही में 36 लाख रुपये खर्च कर कन्नमवारग्राम में मंडल अधिकारी कार्यालय की नई इमारत तैयार की गई़ परंतु उक्त इमारत शोभा की वस्तु बनी हुई है़ मुख्यालय में मंडल अधिकारी, पटवारी हमेशा अनुपस्थित रहते है़ ग्रामीणों को छोटे छोटे काम के लिये कारंजा में जाना पड़ता है़ इसमें उनका आर्थिक नुकसान व समय बर्बाद हो रहा है़ वरिष्ठ अधिकारी से इस ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान देने की मांग ग्रामीणों ने की है.