वर्धा. बाघ का हब के रूप में विदर्भ की पहचान है. वर्धा जिले के बोर बाघ प्रकल्प बाघ के संवर्धन के लिए उपयुक्त है. इसके बावजूद गत कुछ दिनों से जंगल में लग रही आग की वजह से बाघ की मुव्हमेंट को बाधा निर्माण हो रही है़ तेलाई घाट के बाद ब्राह्मणवाड़ा जंगल में आग लगी है. जिले में 40551.38 हेक्टेयर पर पट्टेदार बाघ की हमेशा ही मुव्हमेंट रहती है.
जिसमें बोर बाघ प्रकल्प के कोअर तथा बफर क्षेत्र का समावेश है. इस वर्ष ग्रीष्मकाल में बाघ का मुक्त संचार रहने वाले आष्टी के पास स्थित तेलाई घाट परिसर तथा वन्यजीव विभाग के कार्यक्षेत्र के हिंगणी वनपरिक्षेत्र में आनेवाले ब्राह्मणवाडा परिसर में आग लगने से बडे पैमाने पर वनसंपदा खाक हो गई है.
जंगल में आग लगने की घटना में दिन ब दिन वृद्धि हो रही है. बाघ के सुरक्षित अधिवास को खतरा निर्माण हो गया है. परिणामवश वन विभाग ने ठोस कदम उठाने की जरूरत वन्यजीव प्रेमियों द्वारा की जा रही है. परिणामी वन्यजीव विभागाने ठोस पाऊल उचलण्याची गरज वन्यजीव प्रेमींकडून व्यक्त केली जात आहे.