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  • वर्धा डिपो से 3 बसों का परिचालन

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वर्धा. राज्य मार्ग परिवहन महामंडल का सरकार में विलीनीकरण करने की मांग लेकर एसटी कर्मचारियों का आंदोलन 76 वें दिन भी जारी रहा़ धीरे-धीरे कर्मचारी काम पर लौट रहे है़ वहीं अभी भी जिले के आधे से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर अटल है़ ऐसे में वर्धा डिपो के कुछ कर्मचारी काम पर लौटने से 3 बसों का परिचालन किया जा रहा है़ एसटी बसें बंद रहने से ग्रामीण विभाग में यातायात की समस्या बरकरार है. 

बसों का परिचालन सुचारू नहीं हो सका 

दिवाली के पूर्व शुरू हुए एसटी कर्मचारियों के आंदोलन में सरकार मध्यस्थता करने में नाकाम साबित हो रही है़ सरकार ने कर्मचारियों की वेतनवृद्धि कर उन्हें काम पर लौटने को कहा जा रहा है़ इसके बाद कर्मचारी 2 गुटों में बंट गए है़ दूसरा गुट काम पर लौटने को लेकर सकारात्मक है़ वहीं महामंडल के विलीनीकरण की मांग को लेकर डटे हुए कर्मचारियों की संख्या अधिक होने से जिले में बसों का परिचालन सुचारू तरीके से नहीं हो पाया है. 

अधिकारियों की नाकामी हुई उजागर

कुछ एसटी कर्मचारी काम पर लौटने के मूड में है़ किंतु असुरक्षितता का माहौल होने से कर्मचारी काम पर लौटने की हिम्मत नहीं कर रहे है. स्थानीय एसटी प्रशासन के अधिकारी संबंधित कर्मचारियों तक अपनी बात रखकर उनमें हौसला नहीं बढ़ा सके़ इसमें अधिकारी वर्ग ने एसटी कर्मचारियों को सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए.  

ग्रामीण अंचल में समस्या जस की तस 

जिले में वर्धा, आर्वी, तलेगांव, हिंगनघाट, पुलगांव इन सभी डिपो पर कुछ कर्मचारी काम पर लौटे है़ं इससे काफी कम संख्या में एसटी बसों का परिचालन शुरू है़  ग्रामीण अंचल में बसें अभी भी नहीं पहुंचने से यातायात की समस्या कायम है.  

निजी वाहनधारक उठा रहे फायदा

ग्रामीण अंचल में एसटी बसों के अलावा यातायात के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं है़ ऐसे में बड़ी संख्या में निजी ट्रान्सपोर्ट के साधन सक्रिय हो गए है़ं यात्रियों को ठूंस ठूंसकर बसों से ले जाया जा रहा है़  साथ ही किराया भी ज्यादा वसूला जाने से आम जनता की जेब ढिली हो रही है.