Nagpur Assembly

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    वर्धा. राज्य सरकार ने बजट सत्र नागपुर में लेनी की घोषणा की थी. परंतु सरकार अब अपनी घोषणा से मुकर गई है. बिते दो वर्ष से विदर्भ में अधिवेशन नहीं हुआ है. नागपुर करार के अंतर्गत राज्य सरकार का एक सत्र नागपुर लेना आवश्यक है. परंतु सरकार विदर्भ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

    ऐसा आरोप जनप्रतिनिधियो के साथ विदर्भ के जनता ने सरकार पर लगाया है. अधिवेशन के दौरान विदर्भ के प्रश्नों को तवज्जों दिया जाता है. लेकीन मुंबई अधिवेशन में विदर्भ के प्रश्नों का टाल दिया जाता है. नागपुर अधिवेशन विदर्भ की जनता के महत्वपुर्ण है. जिससे सरकार का अधिवेशन विदर्भ होना आवश्यक है. ऐसी मांग भी की गई है.

    विदर्भ के प्रश्नों को टाल रही सरकार

    विदर्भ में अधिवेशन होने पर विदर्भ के मुद्दो पर चर्चा होती है. बिते दो वर्ष से विदर्भ के अनेक प्रश्न है. किसानों पर निरंतर एक के बाद एक आपदा आ रही है.किंतु सरकार ने उनकी सहायता नही की है. उदयोग, बेरोजगारी के साथ विदर्भ अनेक प्रश्नों को  टालने के लिये सरकार विदर्भ में अधिवेशन नही ले रही है.

    रामदास तडस, सांसद वर्धा

    आघाडी सरकार उदासीन

    भाजपा के पांच वर्ष के कार्यकाल में हर साल नागपुर में अधिवेशन हुआ है़  अधिवेशन कार्यकाल में विदर्भ के हर जिले की समस्याओं पर स्वतंत्र बैठक ली गई़ इसी लिए विदर्भ का विकास हो पाया़ मात्र महाविकास आघाडी सरकार विदर्भ के प्रति उदासीन है़ इस लिए विदर्भ का विकास पिछड गया़ 

    डा़. पंकज भोयर, विधायक, वर्धा

    विदर्भ के जनता के साथ धोखाधडी

    महाविकास आघाडी सरकार विदर्भ के जनता के साथ धोखाधडी कर रही है. नागपुर करार के अनुसार विदर्भ में अधिवेशन होना आवश्यक है. परंतु वर्तमान सरकार का विदर्भ के प्रति उदासिन रवैय्या साफ दिख रहा है. शितसत्र के बाद अब बजट अधिवेशन नागपुर की जगह मुंबई में रखा गया है. यह विदर्भ के साथ अन्याय है. इस संदर्भ विधानमंडल आवाज उठाई जायेगी.

    दादाराव केचे, विधायक, आर्वी

    विदर्भ के साथ अन्याय

    वर्तमान सरकार शुरू से ही विदर्भ के साथ अन्याय कर रही है. पहले ही अनेक योजनाओं तथा निधी पर कैंची चलाई है. बिते दो वर्ष में विदर्भ के अनेक प्रश्न प्रलंबित है. उस पर चर्चा न हो यह सरकार का मुख्य उद्देश है. जिस कारण सरकार विदर्भ में अधिवेशन नहीं चाहती है. सरकार को मुंबई व पश्चिम महाराष्ट् से जादा लगाव है.

    -समीर कुणावार, विधायक, हिंगनघाट

    यह दुर्दैवी बात

    एग्रीमेन्ट के अनुसार साल में एक अधिवेशन नागपुर में होना जरुरी है़ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी इसके लिए आग्रही थे़ कांग्रेस की यह हमेशा भूमिका रहीं हैं कि, नागपुर में एक अधिवेशन होना चाहिए़ 

    फोटो-मनोज चांदुरकर, जिलाध्यक्ष, वर्धा कांग्रेस

    अत्यंत गलत निर्णय

    आघाडी सरकार का यह अत्यंत गलत निर्णय है़  यह विदर्भ पर अन्याय हुआ है़  नियमानुसार नागपुर में अधिवेशन होना जरुरी है़ अगर ऐसा हैं, तो स्वतंत्र विदर्भ राज्य की घोषणा शीघ्र होनी चाहिए़ 

    -सतीष दाणी,  नेता, किसान संगठन