वर्धा. विविध प्रलंबित मांगों के लिए जिले के स्वास्थ्य कर्मियों ने 16 अक्टूबर से असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया है़ कई बार ज्ञापन भेजे गए़ मुकाअ के साथ बैठक ली गई, परंतु प्रशासन ने आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया़ 2019 से टालमटोल किया जा रहा है़ आखिरकार महाराष्ट्र राज्य जिला परिषद स्वास्थ्य सेवा कर्मचारी संगठना जिला शाखा की ओर से यह आंदोलन किया गया.
मांगें पूरी नहीं हुई तो 25 से जिप के समक्ष बेमियादी अनशन किए जाने की जानकारी संगठन के जिला अध्यक्ष सिध्दार्थ तेलतुंबडे ने दी़ शनिवार व रविवार को बैठ करके 10, 20 व 30 वर्ष हुए कालबध्द पदोन्नती प्रकरण निपटाने के आदेश मुकाअ डा़ सचिन ओम्बासे ने दिए थे़ बिंदू नामावली अनुसार एलएचवी के प्रशिक्षण के लिए स्वास्थ्य सेविकाओं को प्राथमिकता देकर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए़ आश्वासित प्रगति योजना का लाभ मंजूर हुए कर्मियों की बकाया शीघ्र दें.
आंदोलन के जरिए खींचा ध्यान
गौल स्थित पीएचसी के अंशदायी योजना की कटौती की राशि हेराफेरी संबंध में जांच तो हुई, परंतु कर्मियों को उनकी राशि नहीं मिल पायी़ स्वास्थ्य पर्यवेक्षक (स्त्री/पुरुष) के 11 पद रिक्त है़ स्वास्थ्य सहायक (स्त्री) के 11 पद रिक्त है़ स्वास्थ्य सहायक (पुरुष) 32 पद रिक्त है़ शतप्रतिशत पदोन्नति के पद होने से सभी रिक्त पदों पर पदोन्नति दी जाए़ कोविड टीकाकरण के लिए मोबाइल सहित इंटरनेट उपलब्ध कराने सहित उपरोक्त मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया गया.
सप्ताहभर का दिया अल्टीमेटम
सप्ताहभर में निर्णय नहीं लिया तो कामबंद व अनशन आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी गई़ शनिवार को स्वास्थ्यकर्मियों ने पीएचसी स्तर पर निषेध जताते हुए असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया़ उक्त आंदोलन राज्य कार्याध्यक्ष दिलीप उटाणे, जिलाध्यक्ष सिध्दार्थ तेलतुंबडे, जिला कार्याध्यक्ष वंदना उईके, जिला सचिव दीपक कांबले, उपाध्यक्ष सुजाता कांबले, संजय डफरे, विजय जांगडे, हेमंत उघडे, रतन बेडे, अविनाश चव्हाण, ममता कांबले, शालू कौरती, रंगराव राठौड़, दिवाकर अडसर सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्यों के अगुवाई में किया जा रहा है.