Lok Adalat

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    वर्धा. प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधि सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आशुतोष करमरकर ने कहा कि लोकअदालत में लोगों को अपना पक्ष रखने का अवसर मिलता है़ आपसी समझौते से मन मुताबिक निर्णय लगने के कारण नागरिकों का समाधान भी होता है़  जिले के सभी न्यायालयों में लोकअदालत का आयोजन किया गय. इसमें प्रलंबित 2 हजार 685 मामलों के साथ ही 24 हजार 610 दखलपूर्व मामले सहित कुल 27 हजार 295 मामले रखे गए थे.

    लोकअदालत के माध्यम से 6 हजार 99 मामलों का सामंज्यस्यपूर्ण समझौता किया गया़  इस मामलों में समझौता मूल्य 5 करोड़ 84 लाख रुपये इतना है़ राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन पर जिला न्यायाधीश-2 आरवी आदोने ने कहा कि न्यायालय में दाखिल मामले वर्षों तक प्रलंबित रहते है़ इससे पक्षकार व अनेकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है़ आम नागरिकों को समय पर न्याय दिलाने के लिए लोकअदालत इस संकल्पना पर अमल किया जा रहा है़  इससे मामलों का तत्काल निपटारा होता है. 

    सरल प्रक्रिया से न्याय प्राप्त करें : परमा 

    प्राधिकरण के सचिव निशांत परमा ने कहा कि न्यायालयीन विवादों को निपटाने के लिए लोकअदालत में शामिल होकर मामले पर अगले लोकअदालत में प्रविष्ठ व सरल प्रक्रिया द्वारा न्याय प्राप्त करें. प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधिश तथा प्राधिकरण के अध्यक्ष आशुतोष करमरकर ने वर्धा स्थित लोकअदालत के प्रत्येक पैनल को प्रत्यक्ष भेंट देकर जायजा लिया़  लोकअदालत में दाखलपूर्व मामलों में यातायात नियंत्रक शाखा, बैंक, दूरसंचार विभाग के मामलों का समावेश था.