RTMNU, nagpur University

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    वर्धा. नागपुर विवि के प्रथम चरण के परीक्षा का परिणाम करीब तीन माह बितने के बाद भी नहीं लगा है. परिणामवश कॉलेज व छात्र दोनों में संभ्रम का वातावरण है. विवि के नियमानुसार 40 दिनों के भीतर परिणाम लगना आवश्यक है. केवल एमकेसीएल पर मेहरबानी के चलते इस नियम की धज्जियां उड़ रही है.

    प्रवेश व परीक्षा की जिम्मेदारी

    शिक्षा सत्र 2021-22 से विवि ने प्रथम सत्र के प्रवेश व परीक्षा की जिम्मेदारी एककेसीएल को सौंपी है. तृतीय व पांचवें सेमिस्टर का जिम्मा प्रोमार्क की ओर दिया गया है. एमकेसीएल की तकनीकी समस्याओं के चलते कामकाज विलंब से शुरू हुआ. जिसका असर परीक्षा पर हुआ. इस वर्ष कोरोना का संक्रमण कम होने के कारण विवि का परीक्षा संबंधी कामकाज पटरी पर लौटने की उम्मीद थी. लेकिन अधिकारियों के नियोजन में अभाव व दो कंपनियों के विवाद के चलते पूरा कामकाज चरमरा गया है.

    कालेजस्तर पर हुई प्रथम वर्ष की परीक्षा

    विवि परीक्षा के संबध में पैटर्न इस वर्ष चेंज किया है. जिसके अनुसार प्रथम वर्ष की परीक्षा कॉलेज को लेनी थी. परंतु परीक्षा आवेदन संबंधी कामकाज देरी से आरंभ होने के कारण उसका सीधा असर शीतकालीन परीक्षा पर हुआ. फरवरी माह में कालेजस्तर पर प्रथम वर्ष की परीक्षा ली गई तथा पेपर जांचने के बाद कालेज ने उसी माह में आनलाइन डाटा एमकेसीएल के वेबसाइट पर भेजा दिया.

    विवि के परीक्षा विभाग के पास नहीं जवाब

    कालेजों ने डाटा भेजने को अब तीन माह की समयावधि बीत चुकी है. केवल प्रथम वर्ष परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं हुआ है. इस संदर्भ में कालेजों व्दारा निरंतर विवि के परीक्षा विभाग से पूछताछ की जा रही है. लेकिन विवि के परीक्षा विभाग के पास कोई जवाब नहीं है. प्रथम वर्ष के परिणाम के संदर्भ में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है, ऐसा कर्मियों का कहना है.

    तृतीय व पांचवें सत्र के लगे परिणाम

    एक ओर प्रोमार्क कंपनी के माध्यम से ली नई तृतीय, पांचवें सत्र के परीक्षा के परिणाम घोषित होकर करीब दो से तीन माह का समयावधि हो चुकी है. अनेक परिणाम प्रोमार्क कंपनी ने विवि के नियम के तहत घोषित किये. किंतु एमकेसीएल को पूरा डाटा मिलने के बाद भी परिणाम घोषित नहीं होने के कारण आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.