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    वर्धा. शहर के बाजार में देसी सेब की दमदार एंट्री हो गई है, जिससे विदेशी(इम्पोर्टेड) सेब अब गायब हो गए है़  निरंतर आवक बढ़ने से सेब के दर अब आम नागरिकों के बजट में आ गए है़  आने वाले दिनों में सेब के दर स्थिर रहने की बात फ्रूट व्यापारियों ने कही है़ शिमला में अगस्त से सितंबर महीने तक सेब का उत्पादन होता है.

    इस वर्ष उत्पादन रिकार्डतोड़ होने की जानकारी दी जा रही है़ अब तक बाजार में न्यूजीलैंड, तुर्की, इटली व अन्य देशों से सेब की आवक होती थी़ इसकी कीमत 300 से 350 रुपए प्रति किलो होने से खरीदी आम ग्राहकों के बजट के बाहर थी़ वहीं देसी सेब की रिकार्डतोड़ आवक मार्केट में होने से अब विदेशी सेब गायब हो गए है़ शहर के विभिन्न हिस्सों बिक्री के लिए सेब की बंडियां देखी जा रही है.

    100 से 1,50 रुपए प्रति किलो दाम

    शिमला से आने वाले सेब ए, बी, सी, डी चार ग्रेड में विभाजित है, जिसे 100 रुपए से 150 रुपए प्रति किलो दाम मिल रहा है़  शिमला से सेब की आवक सितंबर महीने तक जारी रहेगी़  इसके बाद जम्मू कश्मीर के सेब बाजार में दाखिल होंगे़  नवंबर, दिसंबर तथा जनवरी महीने तक उपलब्ध रहेंगे.

    इस बार सेब का रिकार्डब्रेक उत्पादन

    शिमला में इस वर्ष सेब का उत्पादन रिकार्डब्रेक हुआ है, जिससे आने वाले दिनों में सेब की ओर आवक बढ़ने की संभावना है़ जो सितंबर महीने तक जारी रहेगी़  ग्राहकों की मांग बढ़ गई है़  सेब के दाम स्थिर रहने की संभावना है. 

    -इर्शाद पठान, संचालक-आरसीबी फ्रूट कंपनी.