NGO in US raises $ 950,000 for Indian school children
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  • 31 तक दर्ज करनी होगी मांग

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वर्धा. कोरोना महामारी के बीच स्कूलों में मध्यान्ह  भोजन योजना बंद रहने के कारण छात्रों को अनाज का वितरण किया जा रहा था. वहीं बीते 6 माह से छात्रों को अनाज का वितरण करना बंद किया गया है. वहीं अब पुन: अनाज वितरण की प्रक्रिया आरंभ की जाने वाली है. शिक्षा विभाग की ओर से जिले के विभिन्न स्कूलों से छात्रों की संख्या की रिपोर्ट मांगी जा रही है़ 31 जनवरी तक शिक्षा विभाग विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास प्रस्तुत करेगा.

पिछले वर्ष जून महीने तक का किया वितरित

मध्यान्ह भोजन योजना के माध्यम से अनुदानित स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक छात्रों को ताजा खाना दोपहर में स्कूल में उपलब्ध कराया जाता था.  विद्यार्थियों को पोषाहार उपलब्ध करना इसके पीछे का मुख्य उद्देश है़ वहीं कोरोना महामारी के बाद स्कूलें बंद होने के कारण छात्रों को मध्यान्य भोजन का अनाज उनके घर तक पहुंचाया गया़ पिछले वर्ष जून महीने तक का अनाज वितरित किया गया था़ इसके बाद छात्र अनाज से वंचित थे.

जिले में 88,692 लाभार्थी छात्रों का समावेश

वर्धा जिले में कक्षा 1 से 5 वीं तक 693 स्कूलों में 50 हजार 827 विद्यार्थी अध्ययनरत है़ वहीं 6 से 8वीं तक 535 स्कूलों में 37 हजार 865 छात्र है़ कुल 88 हजार 692 छात्रों को अनाज वितरित किया जानेवाला है़ इसके लिए सभी स्कूलों से विद्यार्थियों की संख्या व मांग की रिपोर्ट मांगी जा रही है़

154 दिनों का अनाज किया जाएगा वितरित

इसके पहले जून 2021 में छात्रों को मध्यान्ह भोजन का अनाज वितरित किया गया था़ अगस्त के बाद से अनाज वितरण प्रलंबित है़ ऐसे में फरवरी 2022 तक 154 दिनों का अनाज वितरित किया जाने वाला है़ मार्च के पहले सप्ताह में विद्यार्थी अनाज से लाभान्वित होंगे़

छात्रों पर 2 लाख 94 हजार 448 रुपए खर्च

मध्यान्ह भोजन पर कक्षा 1 से 5 वीं तक के प्रति छात्र पर 154 दिनों के लिए 765 रुपए खर्च तथा 6 से 8 वीं के प्रति छात्र पर 154 दिनों के लिए 1147 रुपए खर्च निर्धारित किया गया है़ ऐसे कुल छात्रों पर कुल 2 लाख 94 हजार 448 रुपए खर्च होगा़ विद्यार्थियों को चावल के साथ ही मौसम के अनुसार दाल जिसमें मूंग, मसूर, तुअर में से कोई भी एक तथा दलहन में चना, वटाना, चवली, मोट, मूंग में से एक का चयन कर वितरण किया जाने वाला है़