- इसके पूर्व निकली कई खामियां
वर्धा. स्थानीय नगर परिषद के सदस्यों का कार्यकाल पूर्ण होने से अब जल्द ही चुनाव होंगे़ वहीं वार्ड पुर्नरचना का मसला अब तक हल नहीं हुआ है़ इसके पहले नप की ओर से भेजे गए प्रभाग पुर्नरचना के प्रस्ताव में कई खामियां रहने से मान्यता नहीं मिली़ अब फिर से प्रस्ताव मान्यता के लिए राज्य चुनाव आयोग के पास भेजा गया है़ इस नए फॉरमेशन के तहत पार्षदों की संख्या 2 से बढ़ने की खबर है.
फरवरी तथा मार्च में चुनाव की संभावना
दिसंबर 2021 में नगर परिषद में सदस्यों के कार्यकाल को 5 वर्ष पूर्ण हो गए है़ ऐसे में फरवरी तथा मार्च तक चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है़ इच्छुक उम्मीदवारों की भी तैयारियां जोरों पर शुरू है़ सभी की नजरें वार्ड फॉरमेशन की ओर टीकी हुई है़ नप की ओर से किया गया जा रहा यह प्रभागों का फॉरमेशन राजनेता के दबाव के में नप अधिकारियों तथा कर्मचारियों के सहयोग से किए जाने का आरोप हो रहा है.
इन नियमों का पालन करना जरूरी
प्रभाग फारमेशन में प्रगणक, चतुर्सीमा का महत्वपूर्ण रोल रहता है़ फारमेशन के दौरान प्रगणक टूटना नहीं चाहिए़ वहीं मेन रोड, रेलवे लाइन प्रभाग के बीच नहीं आनी चाहिए़ पिछली बार उलटे एस चिन्ह के तहत फारमेशन होने की जानकारी है.
40 पार्षद करेंगे जनता का प्रतिनिधित्व
पिछली बार नगर परिषद के वोटरों की संख्या लगभग 1 लाख के आसपास थी़ ऐसे में 19 प्रभागों में 38 पार्षद संख्या थी़ पिछले चुनाव में नगराध्यक्ष का चयन सीधे जनता से हुआ था़ लेकिन इस बार पार्षदों में से ही नगराध्यक्ष चुना जाएगा़ नए से प्रभाग रचना के लिए प्रत्येक प्रभाग से 600 से 800 की वोटर माइनस करके 1 नया प्रभाग तैयार किया गया है़ इससे नप के आगामी चुनाव में 20 प्रभागों से 40 पार्षद प्रतिनिधित्व करेंगे.
ओबीसी की 10 सीटों का नुकसान
ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द हो जाने की वजह से न्यायालयीन आदेशानुसार उक्त जगह पर खुले प्रवर्ग से चुनाव होने वाला है़ पिछली बार ओबीसी आरक्षण की कुल 10 सीटें थी़ राजनीतिक आरक्षण रद्द होने के बाद अब उक्त जगह पर खुले प्रवर्ग से चुनाव लड़े जाएंगे, जिससे आगामी चुनाव में 10 सीटों पर ओबीसी का नुकसान हुआ है.