बारिश से मचा हाहाकार, 8 तहसीलों में धुआंधार, देवली, सेलू, आर्वी में अतिवृष्टि

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    • सात बांध हो गए ओवरफ्लो
    • अन्य में 80 प्रश से अधिक संग्रहण
    • बांधों से छोड़ा जा रहा पानी
    • जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ा
    • गांवों को किया गया सतर्क

    वर्धा. जिले में गत दो दिनों से रूक-रूककर हो रही बारिश ने सोमवार की रात कहर ही ढा दिया. जिले की आठों तहसील में धुआंधार बारिश हुई. वहीं देवली, सेलू व आर्वी में अतिवृष्टि दर्ज की गई. जिले की सभी तहसीलों में धुआंधार बारिश होने के कारण बांधों का जलस्तर बढ़ गया है. वहीं कुछ बांधों से पानी को छोड़े जाने के कारण नदी, नाले उफान पर हैं. नदी तट पर बसे गांवों को सतर्कता के आदेश दिये गये है. वहीं निरंतर बारिश के कारण खेतों में पानी जमा होने के कारण फसल संकट में आ गई है. तेज बारिश के कारण अनेक घरों में पानी घुसने तथा मकान ढहने की घटना हुई है. पोला त्योहार के दिन सोमवार को सुबह से ही बदरीला मौसम बना रहा. शाम के समय अचानक मौसम ने करवट बदली. शाम 4.30 से बारिश शुरू हुई. बिजली की गरज के साथ करीब 8 बजे तक बारिश होती रही. पश्चात रात में भी धुआंधार बारिश हुई. बारिश तेज होने के साथ ही बिजली की कड़कड़ाहट जारी थी. बिजली कड़कते ही कंपन महसूस होने लगा. हर एक-एक पल बिजली की कड़कड़ाहट जारी थी. वहीं मंगलवार को भी सुबह बारिश ने दस्तक दी. बारिश के कारण बांधों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे सात बांध ओवरफ्लो हो गए. वहीं अन्य बांधों में भी 80 फीसदी से अधिक जलसंचय हुआ है. 

    जिले में 24 घंटे में 54.96 फीसदी बरसात दर्ज 

    गत 24 घंटे में जिले में 439.64 मिमी औसतन 54.96 फीसदी बारिश दर्ज की गई. जिले के आर्वी, सेलू व देवली तहसील में अतिवृष्टि दर्ज की गई. आर्वी तहसील में सबसे अधिक 83.25 मिमी बारिश दर्ज हुई. वहीं सेलू तहसील में 76.40 मिमी व देवली तहसील में 69.50 मिमी बारिश दर्ज की गई. वहीं अन्य तहसील में भी धुआंधार बारिश हुई. इसमें वर्धा तहसील में 46.60 मिमी, हिंगनघाट तहसील में 40.50 मिमी, समुद्रपुर तहसील में 33.54 मिमी, आष्टी तहसील में 39 मिमी, कारंजा तहसील में 50.85 मिमी बारिश दर्ज हुई.

    जिले के 7 प्रकल्पों में लबालब पानी 

    जिले में गत कुछ दिनों से जारी बारिश व सोमवार को हुई धुआंधार बारिश से बड़े 11 में से 7 प्रकल्प शत-प्रतिशत भरकर ओवरफ्लो हुए है. वहीं अन्य प्रकल्पों में भी 80 फीसदी से अधिक जलसंचय हुआ है. शतप्रतिशत भरे प्रकल्पों में धाम प्रकल्प, पोथरा प्रकल्प, पंचधारा प्रकल्प, डोंगरगांव प्रकल्प, मदन उन्नई प्रकल्प, मदन उन्नई बांध का समावेश है. वहीं बोर प्रकल्प में 92.64 फीसदी, निम्न वर्धा में 91.50 फीसदी, लाल नाला में 91.75 फीसदी, वर्धा कार नदी प्रकल्प में 86.93 फीसदी जलसंचय हुआ है, जिससे अब सभी बांधों में 91.76 फीसदी जलभंडार हुआ है.

    नदी तट के गांव के लोगों को किया सतर्क 

    जिले के सात बांध पूरी तरह से भरकर ओवरफ्लो हुए है, जिससे बांधों से पानी निकासी जारी है. ऐसे में प्रशासन द्वारा नदी तट के गांवो को सतर्कता की चेतावनी दी गई है. आर्वी तहसील अंतर्गत आने वाले मदन मध्यम प्रकल्प 7 सितंबर को सुबह 7 बजे शत-प्रतिशत भर गया है. जलाशय का स्तर 329.90 मीटर होकर पानीसंचय 10.56 दलाघमी व आज तक कुल 518 मिमी बारिश हुई है. उसी तरह धाम मध्यम प्रकल्प भी शतप्रतिशत भर गया है. जलाशय का स्तर 238.60 मीटर होकर जलसंचय 59.4852 दलाघमी है. आज तक 518 मिमी बारिश हुई है. मदन उन्नई मध्यम भी शतप्रतिशत भर गया है. जलाशय का स्तर 273.65 मीटर है तथा जलसंचय 2.70 दलाघमी हुआ है. आर्वी तहसील अंतर्गत आनेवाला पांझरा बोथली लघु प्रकल्प 89.21 फीसदी भर गया है. जलाशय का स्तर 315.50 मीटर होकर जलसंचय 1.7450 है. आज की तारीख तक कुल 780.30 मीटर बारिश हुई है. कवाडी-लघु प्रकल्प भी शतप्रतिशत भर गया है. जलाशय का स्तर 299.20 मीटर होकर 0.8872 दलाघमी जलसंचय है. आज  तक 780.30 मिमी बारिश हुई है, जिससे नदी तट के गांवो के लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण अधिकारी ने दी है.

    निम्न 31, बेंबला 14 व बोर 7, अप्पर वर्धा के 2 गेट खुले

    गेल्या 24 घंटे से शुरू बारिश के कारण जिले के 11 में से 7 प्रकल्प शत-प्रतिशत भर गए हैं. प्रकल्प के कैचमेंट एरिया में मूसलाधार बारिश शुरू होने से जलस्तर नियमित बढ़ रहा है. आर्वी तहसील के निम्न वर्धा का पानी स्तर 283.57 मीटर से बढ़ा है. इस प्रकल्प के 31 गेट 45 सेमी से खोलकर 1,307 क्यूसेक पानी का रिसाव जारी है. बोर प्रकल्प में 92 फीसदी जलसंचय हुआ है, जिससे प्रकल्प के 7 गेट प्रति 20 सेमी से खोले गए हैं, जिससे 111.22 क्यूसेक पानी का रिसाव जारी है. बेंबला प्रकल्प के कैचमेट एरिया में मूसलाधार बारिश होकर 14 गेट 50 सेमी से खोलकर 742 घनमीटर प्रति सेकंड पानी का रिसाव शुरू है. वहीं जिले के 20 लघु जलाशयों में 71 फीसदी जलसंचय हुआ है. उसी तरह धाम प्रकल्प भी शत प्रतिशत भरने से पानी का रिसाव जारी है. फिलहाल धाम प्रकल्प से 1.242, 2 सेंमी से पानी का रिसाव जारी है. अपर वर्धा के दो गेट पांच सेंमी से खोले जाने के कारण वर्धा नदी में जलस्तर बढ़ गया है. इससे आष्टी व आर्वी तहसील के तटवर्तीय इलाकों के गांवों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है. बोर बांध का पानी छोड़े जाने के कारण सेलू, हिंगनघाट व वर्धा तहसील के कुछ गांवों को सतर्कता की चेतावनी दी गई है.

    धाम, वर्धा, वणा, बोर, कार नदी उफान पर

    जिले में गत 24 घंटे में हुई धुआंधार बारिश से नदी-नाले उफान पर है. जिले के बांधों में शत-प्रतिशत जलसंचय होने से गेट खोलकर पानी का रिसाव जारी है, जिससे अब नदी-नालों में बाढ़ आ गई है. जिले की मुख्य नदियों में धाम, वर्धा, वणा, बोर, कार नदी सहित अनेक छोटे-बड़ी नदियां उफान पर है. निम्न वर्धा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण देवली व हिंगनघाट तहसील के नदी तट पर बसे गांवों को सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए है.

    214 गांवों को बाढ़ का खतरा बढ़ा

    जिले में सोमवार की रात हुई धुआंधार बारिश से जिले के 214 गांवों को बाढ़ का खतरा बना हुआ है. जिला प्रशासन बाढ़ व बारिश से निर्माण होने वाली परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. जिले के 214 गांव नदी तट पर बसे हैं. वहीं 96 गांवों को बाढ़ का सबसे अधिक खतरा है, जिससे निकटवर्तीय 214 गांवों के लोगों को सतर्कता की चेतावनी दी गई है. इसमें वर्धा तहसील के 26, सेलू 33, देवली 29, आर्वी 33, आष्टी शहीद 16, कारंजा घाड़गे 13, समुद्रपुर 31 व हिंगनघाट के 33 गांवों का समावेश है.

    राहत व बचाव कार्य में 9 दस्ते तैनात

    बाढ़ का सबसे अधिक खतरा हिंगनघाट, सेलू, आर्वी व समुद्रपुर तहसील को है. जिले में राहत व बचाव कार्यों के लिए 9 दस्ते तैयार किए गए हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति निर्माण होने पर तुरंत बचाव कार्य किया जा सकता है. प्रति वर्ष जिले में बाढ़ से भारी नुकसान होता है. अब बांधों से पानी छोड़ने तथा अचानक बारिश से नदी और नाले उफान पर है. इस परिस्थिति में राहत व बचाव दल तैनात है. 

    22 गांवों को बैक वाटर का खतरा

    निम्न वर्धा बांध का जलस्तर बढ़ने के कारण तथा मौसम विभाग ने 9 सितंबर तक तेज बारिश की संभावना जताने से आर्वी तहसील के 22 गांवो को बैक वाटर का खतरा निर्माण हुआ है. प्रति वर्ष निम्न वर्धा का पानी खेतों में घुसने के कारण किसानों का नुकसान होता है.

    फसल पर पड़ रहा बुरा प्रभाव

    निरंतर बारिश के कारण सोयाबीन, कपास व तुअर की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कपास की फसल को लगे हुए बोंड निरंतर बारिश के कारण काले होकर सड़ रहे है. वहीं सोयाबीन फसल पर भी बारिश का प्रभाव पड़ा है. खेतों में पानी जमा होने के कारण फसल सड़ने का खतरा किसानों पर मंडरा रहा है. बारिश नहीं रूकी तो फसलों का अधिक नुकसान होने की संभावना किसानों ने जताई है.