आज घर-घर में विराजेंगी महालक्ष्मी, विशेष पूजन के साथ होगा आह्वान, भक्तों में उत्साह

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    वर्धा. गणेशोत्सव के दौरान भाद्रपद शुक्ल सप्तमी से मनाया जाने वाला महालक्ष्मी व्रत पर्व रविवार से आरंभ होगा़ इस पर्व के पहले दिन घरों में श्रध्दालु महालक्ष्मी की प्रतिमा को विधि-विधान से उपवास रखते हुए विराजमान करेंगे़ महालक्ष्मी को पहले दिन हरी-सब्जी के साथ विशेष भोग अर्पित किया जाता है़ इस क्रम में सोमवार अष्टमी के उपलक्ष्य में दिनभर विशेष पूजन तथा भोज कार्यक्रम होगा़ मंगलवार को नवमी के दिन महालक्ष्मी को उनकी ससुराल के लिए विदाई दी जाएगी.

    बाजार में लौट आई चहल-पहल

    मूलत: दक्षिण भारतीय परंपरा से जुड़ा यह पर्व शहर में रहने वाले महाराष्ट्रीयन परिवारों द्वारा मनाया जाता है़  महालक्ष्मी के आगमन तथा विशेष पूजन विधान से जुड़े इस पर्व की सभी तैयारी को प्रतिमा की स्थापना के साथ पूरा किया जाता है़  महालक्ष्मी स्थापना की तैयारी को लेकर श्रध्दालु पूजा व साजसज्जा की सामग्री खरीद कर रहे है़ं गणेशोत्सव से मुख्य बाजार में रौनक छा गई है. 

    60 वर्षों से की जा रही स्थापना

    समाजसेवी राजकुमार जाजू के बड़े भाई चंद्रप्रकाश ऋषभ जाजू के निवास पर विगत 60 वर्षों से महालक्ष्मी की स्थापना हो रही है़  उनके यहां स्थापित होने वाले महालक्ष्मी के मुखोटे मिट्टी के न होकर पीतल के है़  इनके मूलगांव छोटी आंजी (आंजी अंदोरी) में एक बाढ़ आयी थी़  चूंकि इनका घर ऊपर टीले पर था, सारा यहां एकत्रित हो गया़  कहते हैं पीतल के मुखोटे रहने से महालक्ष्मी के पूजन विधि में कोई विघ्न नहीं आया और पूरे गांव की भी सुरक्षा हो गई़  तभी से यह परंपरा अपना मूल गांव छूटने पर भी जारी हैं.