प्रशासन की रिपोर्ट का इंतजार, गर्भपात प्रकरण में वैद्यकीय अधीक्षक से हुई पूछताछ

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    वर्धा/आर्वी. गर्भपात प्रकरण में डा़ नीरज कदम को हिरासत में लेने के बाद आर्वी उपजिला अस्पताल की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है़ शनिवार को शल्य चिकित्सक की ओर से भेजी गई टीम ने सरकारी दवा के साथ महत्वपूर्ण सामग्री जब्त की है़ अब स्वास्थ्य प्रशासन के रिपोर्ट की प्रतीक्षा पुलिस कर रही है़  परंतु इस संपूर्ण मसले पर स्वास्थ्य प्रशासन चुप्पी साधे हुए है़  सोमवार को आर्वी उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक से आर्वी पुलिस ने पूछताछ किये जाने की जानकारी है़ कदम अस्पताल में नाबालिग के गर्भपात के बाद शिशुओं की 12 खोपड़ियां व 54 हड्डियां बरामद होने से हड़कम्प मच गया़  पश्चात मकान से हिरन की खाल भी बरामद होने से कदम परिवार की मुश्किलों में  इजाफा हुआ. 

    स्वास्थ्य प्रशासन ने साध रखी है चुप्पी 

    शनिवार को देर रात तक अस्पताल में छानबीन के दौरान अहम रजिस्टर, कालबाह्य सरकारी दवा, इंजेक्शन, गर्भपात के लिए उपयोग में लायी जाने वाली दवा बरामद हुई़  इस संबंध में स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य प्रशासन कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं है़  डा़ नीरज कदम आर्वी उपजिला अस्पताल में ठेकेदारी पर कार्यरत है़  पुलिस ने सोमवार को पूछताछ के लिए सरकारी अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक डा़ मोहन सुटे को थाने में बुलाया था़  उनसे पुलिस ने पूछताछ की़  जिला शल्य चिकित्सक द्वारा भेजी गई टीम में डा़ सुटे का भी समावेश था़  स्वास्थ्य प्रशासन की रिपोर्ट में क्या जानकारी सामने इस पर निगाहें लगी हैं. 

    करीब 15 वर्ष पुरानी है हिरन की खाल!

    कदम अस्पताल के ऊपरी माले पर एक कक्ष में हिरन की खाल बरामद हुई थी़  प्रकरण में वन विभाग ने मामला दर्ज कर लिया है़  आरोपी पुलिस गिरफ्त में होने से वन विभाग की कार्रवाई लटकी है़  हिरन की खाल के नमूने फारेंसिंक लैब में जांच के लिए भेजने की प्रक्रिया वन विभाग कर रहा है़  इसमें उक्त खाल कितनी पुरानी हैं, इसकी पुष्टि होगी़  जब्त की गई खाल करीब 15 वर्ष पुरानी होने का प्राथमिक अनुमान वन विभाग ने जताया है. 

    प्रकरण की विस्तृत जांच करें : कायंदे

    सोमवार को शिवसेना व पीसीपीएनडीटी कमेटी की राज्य सदस्य विधायक मनीषा कायंदे ने जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक से भेंट की़  उन्होंने प्रकरण में विस्तृत जांच की मांग की़  इसकी संपूर्ण रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री व मुख्य सचिव को सौंपी जाएगी़  प्रकरण में सरकारी पक्ष से वैद्यकीय क्षेत्र का ज्ञान होने वाला वकील देने की मांग मुख्यमंत्री से करेंगे़  स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है़  प्रकरण से जो भी जुड़ा हैं, उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए़  निजी अस्पताल में सरकारी अस्पताल की दवा का संचय मिलने सहित संभावित रैकेट की जांच की मांग कायंदे ने की है.